एस्टर सीएमआइ अस्पताल में यकृत प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. सोनल अस्थाना और डॉ. राजीव लोचन जे (Dr. Sonal Asthana and Dr. Rajiv Lochan J) ने बताया कि परिवार तुमकूरु जिले का निवासी है। दुर्लभ अनुवांशिक विकृति जिसे प्रोग्रेसिव फैमलियल इंट्राहैप्टिक कोलेस्टासिस (progressive familial intra-hepatic cholestasis – पीएफआइसी) के नाम से जाना जाता है के कारण बच्ची सात माह की उम्र से ही पीलिया से जूझ रही थी। धीरे-धीरे यकृत ने काम करना बंद कर दिया। यकृत प्रत्यारोपण अंतिम विकल्प था। मां के यकृत दान करने के निर्णय के बाद ऑपरेशन शुरू हुई लेकिन नए यकृत को बच्ची की रक्त वाहिकाओं से जोडऩे के दौरान उसके हृदय ने अचानक काम करना बंद कर दिया। हृदय की गति रुकने का कारण संभवत: शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और एसिड का स्तर बढऩा है।
अनेस्थिसियॉलोजिस्ट डॉ. अरुण वी. (Dr. Arun V) ने बताया कि यकृत प्रत्यारोपण के दौरान दिल की धड़कनों का बंद होना विरलतम मामला है। दो फीसदी से भी कम मामलों में इसकी संभावना होती है।