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Raksha Bandhan 2022: आज इस मुहूर्त में भाई को बांधें राखी, नहीं लगेगा भद्रा का दोष

Raksha Bandhan
गुरुवार को ही मनाया जाएगा रक्षाबंधन

बैंगलोरAug 10, 2022 / 11:51 am

Santosh kumar Pandey

Raksha bandhan 2021

Raksha bandhan 2021

बेंगलूरु. सावन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाए जाने वाला त्योहार रक्षाबंधन गुरुवार को मनाया जाएगा। हालांकि इस दिन भद्रा होने के कारण लोगों में कब मनाएं और कब नहीं मनाएं, जैसे सवाल हैं। (Raksha Bandhan Shubh Muhurat And Bhadra Time) क्या भद्रा होने के कारण गुरुवार के बजाय शुक्रवार को राखी बांधी जाएंगी। आइए जानते हैं, जाने-माने पंडितों की राय।
बेंगलूरु में कई दशकों से पूजा-पाठ कर रहे पंडित रमाकांत मिश्र ने बताया कि पूर्णिमा तिथि गुरुवार को 9.35 बजे से शुरू होगी इसलिए इस बार रक्षाबंधन गुरुवार को ही मनाया जाना चाहिए। भद्राकाल के कारण शुक्रवार को राखी मनाए जाने की चर्चा के सवाल पर पंडित मिश्र ने कहा कि भद्रा मृत्युलोक में नहीं बल्कि पाताल लोक में रहेगा। ऐसे में भद्रा से भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने से कोई हानि नहीं होगी। गुरुवार को 9.37 बजे के बाद से पूरा दिन राखी बांधी जा सकती है। दोपहर में 1.30 बजे से 3.00 तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल के दौरान राखी बांधने से बचना श्रेयस्कर रहेगा। सबसे उत्तम मूहर्त 11 बजे से एक बजे के बीच तक रहेगा।
वहीं पंडित तेज प्रकाश दवे के अनुसार भद्रा से रहित पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को रात्रि 08.26 बजे से लेकर अगले दिन 12 अगस्त को प्रात: 07.16 तक रहेगी। इस अवधि में रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त रहेगा। रात्रिकाल में भद्रा की समाप्ति के बाद भी राखी बांधना शास्त्र सम्मत है। यदि गुरुवार को राखी नहीं बांधी जाए तो शुक्रवार को प्रात: 05.35 सूर्योदय के उपरान्त प्रात: 07.15 बजे तक राखी बांधी जा सकती है।
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IMAGE CREDIT: patrika
शुभ मुहूर्त में करें रक्षाबंधन
पंडित दवे ने कहा कि गुरुवार को प्रात: 10.30 से 01.30 बजे तक चंचल, विजय और लाभ वेला और सायं 05.11 से 07.37 बजे तक शुभ, गोधूलिक, अमृत वेला रहेगी। दिन में 10.38 बजे से सायं 08.52 बजे तक भद्रा रहेगी। लेकिन, पाताल की भद्रा होने से इसका दोष नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में होती है तब वह शुभ फल प्रदान करने में समर्थ होती है।
उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के लिए सवज़्श्रेष्ठ समयअभिजीत मुहूर्त रहेगा, जो प्रात: 11:59 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक रहेगा। पंडित दवे ने कहा कि ेराहुकाल में रक्षाबंधन नहीं करना चाहिए। गुरुवार को राहुकाल दोपहर में 1.53 बजे से 3:53 बजे तक रहेगा।

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