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बैंगलोर

भैरव धाम में पूर्णिमा पर लगा मेला

भैरवदेव को 108 श्रीफल, छप्पनभोग, पंचमेवा, पुष्प अर्पण तथा तेल चढ़ाया गया

बैंगलोरJun 29, 2018 / 06:50 pm

Ram Naresh Gautam

bhairaw dham

भैरव धाम में पूर्णिमा पर लगा मेला

बेंगलूरु. दक्षिण नाकोड़ा तीर्थ संकट मोचन पाŸव भैरव धाम अरसीकेरे में पूर्णिमा के उपलक्ष्य में प्रभु पाŸवनाथ महापूजन के साथ भैरवदेव महापूजन, नवग्रह शांति एवं दोष निवारण पूजन, भैरवदेव को 108 श्रीफल, छप्पनभोग, पंचमेवा, पुष्प अर्पण तथा तेल चढ़ाया गया। श्रद्धालुओं का
मेला लगा।
इस अवसर पर अरसीकेरे निवासी सुकनराज चौपड़ा, राजेश सुंदेशा मुथा, माणकचंद मेहता, विमलादेवी मुकनराज मेहता, छगनललाल मेहता, बेंगलूरु से भेरुलाल ने मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई ईंट योजना कूपन का विमोचन किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बेंगलूरु के केपी शणै थे। कार्यक्रम में बेंगलूरु, तुमकुर, टिपतूर, हासन, बाणावर, कडूर, बिरुर, भद्रावती, मैसूरु व आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पधारे भक्तों ने आनंद उठाया। ट्रस्ट अध्यक्ष अशोक कुमार सुराणा ने स्वागत करते हुए तीर्थ निर्माण ईंट योजना में भाग लेकर अपने जन्म को धन्य बनाने का अह्वान दिया। हासन के अजयगुरु ने पूजन की विधि पढाई। ललित बर्मन पार्टी ने संगीतमय भक्ति रंग जमाया।
मानव जीवन को सत्कार्य में लगाएं
मैसूरु. मुगुरु से विहार कर टी नरसीपुर पहुंचे डा समकित मुनि ने प्रवचन में कहा कि मानव जीवन का महत्व तो हर कोई जानता है लेकिन वर्तमान में विडम्बना यह है कि व्यक्ति इस महाजीवन का महत्व जानते हुए भी इसका सदुपयोग कम और दुरुपयोग ज्यादा करता है। मुनि ने कहा कि हम इस दुनिया में हम करने कुछ और आए थे लेकिन कुछ और करने लग गए। इस मानव जीवन का लक्ष्य कुछ और था लेकिन हम उस लक्ष्य को भूलकर इस दुनिया के झंझटों में उलझ गए। हम करने कराने के चक्कर में जो करने लायक था वो तो रह गया और जिसे किए बिना भी हमारा काम चल सकता उसके लिए पूरा जीवन लगा दिया।
इस मानव जीवन से हम बहुत कुछ पा सकते थे लेकिन इस जीवन को हमने कंकर इक_े करने में लगा दिया। इसलिए इस मानव जीवन में जितना हो सके उतना सत्कार्य करके इसे सार्थक बनाना चाहिए। दीपक खमेसरा ने बताया कि शुक्रवार को प्रवचन यहीं
पर होगा।
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