बंद समर्थकों ने फ्रीडम पार्क के पास कुछ समय तक धरणा दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीँ बंद को देखते हुए पुलिस ने बेंगलूरु में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। बंद के आह्वान के बावजूद शिक्षण संस्थानों में अवकाश की घोषणा नहीं की गई। सरकारी परिवहन निगमों और बेंगलूरु मेट्रो रेल निगम ने भी बंद के दौरान सेवा सामान्य रहने का दावा किया। ऑटो और कैब चालकों के एक बड़े हिस्से ने बंद में शामिल नहीं होने का निर्णय किया था जिससे बंद से परिवहन व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा।
हालांकि, कर्मचारी संगठनों के बंद का समर्थन करने के कारण बैंकिंग सेवाओं पर आंशिक असर पड़ा। इसी प्रकार कई सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों ने भी बंद का समर्थन किया और नारेबाजी की। पुलिस ने नहीं दी धरना, प्रदर्शन की अनुमति
बेंगलूरु पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने शहर में सार्वजनिक धरना, प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने की घोषण की थी। सिर्फ फ्रीडम पार्क में सामूहिक तौर पर एकत्र होने की अनुमति दी गयी। उन्होंने कहा था कि विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले श्रमिक शांतिपूर्ण तरीके से आकर एकत्र हो सकते हैं। किसी तरह की नारेबाजी और शोर-शराबा किया अथवा सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गयया तो आयोजकों को जिम्मेदार ठहराकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए। रेलवे और मेट्रो स्टेशनों के साथ ही बस स्टैंडों पर भी पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया बंद को देखते हुए 4600 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया।
बेंगलूरु पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने शहर में सार्वजनिक धरना, प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने की घोषण की थी। सिर्फ फ्रीडम पार्क में सामूहिक तौर पर एकत्र होने की अनुमति दी गयी। उन्होंने कहा था कि विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले श्रमिक शांतिपूर्ण तरीके से आकर एकत्र हो सकते हैं। किसी तरह की नारेबाजी और शोर-शराबा किया अथवा सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गयया तो आयोजकों को जिम्मेदार ठहराकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए। रेलवे और मेट्रो स्टेशनों के साथ ही बस स्टैंडों पर भी पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया बंद को देखते हुए 4600 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया।
कर्नाटक सडक़ राज्य परिवहन निगम (केएसआरटीसी) के प्रबंध निदेशक ने कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि यदि बंद में भाग लिया तो एक दिन का वेतन काटा जाएगा। छुट्टी लेकर बंद का समर्थन करने वालों का भी वेतन काटा जाएगा। जिन कर्मचारियों की साप्ताहिक छुट्टी है उनका वेतन नहीं काटा जाएगा। इस वजह से भी बंद में कर्मचारियों की रूचि नहीं दिखी।