डॉ. सुधाकर ने कहा कि कर्नाटक सहित देश के 12 राज्यों के 25 केंद्रों पर क्लिनिकल ट्रायल हो रहे हैं। 26 हजार लोगों को टीका लगाया जा रहा है। अकेले कर्नाटक में 1600-1800 लोगों का कोविड टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि परीक्षण अवधि के दौरान वे अफवाहों और गलत सूचनाओं से सावधान रहें।
टीका के दुष्प्रभावों पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि लगभग 15-20 फीसदी भारतीय कंपनियां विश्व स्तर पर वैक्सीन का विकास कर रही हैं। टीकाकरण के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। विशेषज्ञ हर पहलू पर ध्यान दे रहे हैं और ट्रायल के मौजूदा स्तर पर घबराने की जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वैक्सीन अनुसंधान के लिए 90 करोड़ रुपए आरक्षित किए हैं। प्रधानमंत्री ने स्वयं पुणे, अहमदाबाद और हैदराबाद में अनुसंधान केंद्रों का दौरा और निरीक्षण किया है। कर्नाटक सरकार ने वैक्सीन परीक्षणों के लिए 300 करोड़ रुपए अलग रखे हैं। कोविड मरीजों का नि:शुल्क उपचार हो रहा है। प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 1.25 लाख कोविड सैंपल जांचे जा रहे हैं। 1.2 करोड़ कोविड सैंपल नि:शुल्क जांचे गए हैं।
डॉ. सुधाकर ने कहा कि वैक्सीन वितरण के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयार है। 29,451 वैक्सीन वितरण केंद्रों की पहचान की गई है और 10,008 प्रशिक्षित कर्मचारी तैयार हैं। टीकों के भंडारण के लिए 2,855 कोल्ड स्टोरेज केंद्र उपलब्ध हैं। बेंगलूरु, शिवमोग्गा और बल्लारी में क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों के बाद फ्रंटलाइन योद्धाओं, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का टीकाकरण होगा।