इसी तरह झारखंड के लिए 21 ट्रेनों से 30,962, पश्चिम बंगाल के लिए 21 ट्रेनों से 30,851, ओडिशा के लिए 14 ट्रेनों से 21,461, राजस्थान के लिए 7 ट्रेनों से 9309, असम के लिए 6 ट्रेनों से 9136, मध्य प्रदेश के लिए 5 ट्रेनों से 7085, त्रिपुरा के लिए ४ ट्रेनो से 5704, उत्तराखंड के लिए 3 ट्रेनों से 3863, जम्मू और कश्मीर के लिए 3 ट्रेनों से 2,950, मणिपुर के लिए दो ट्रेनों से 3,090, हिमाचल प्रदेश के लिए 1 ट्रेन से 643, छत्तीसगढ़ के लिए एक ट्रेन से 1,205, केरल के लिए एक ट्रेन से 1,496, मिजोरम के लिए एक ट्रेन से 1,456, नगालैंड के लिए एक ट्रेन से 1,507 श्रमिकों, विद्यार्थियों व फंसे हुए पर्यटकों को उनके गृह जिले तक भेजा गया।
दक्षिण-पश्चिम रेलवे ने चलाईं 209 श्रमिक स्पेशल दक्षिण-पश्चिम रेलवे ने कर्नाटक सरकार के समन्वय से अब तक २०९ श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन कर यहां कार्यरत विभिन्न राज्यों के 3.02 लाख श्रमिकों को उनके गृह जिलों तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की है। दपरे से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन का परिचालन ३ मई को हुआ था। दपरे ने पहले एक लाख यात्रियों को मात्र 13 दिनों में उनके घर तक पहुंचाया था।
बेंगलूरु रेल मंडल ने सर्वाधिक 177 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया। इन ट्रेनों में 2,56,200 यात्रियों ने सफर किया। मैसूरु रेल मंडल ने ने 11 श्रमिक स्पेशल से 15,446 यात्रियों को गंतव्य के लिए रवाना किया।हुब्बल्ली मंडल ने ने २१ ट्रेनों से 30,580 तअगले एक लाख यात्रियों को केवल 6 दिनों में पहुंचाया गया।