उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों से बिहार भवन ने बेंगलूरु में बिहार की संस्कृति को जीवंत रखने का और प्रवासी बिहारियों को एक बैनर तले संगठित करने का सराहनीय प्रयास किया है। इसी कड़ी अब अगले वर्ष से बेंगलूरु में बिहार सरकार भी बिहार दिवस का आयोजन करने की तैयारी में है और यह पूरा आयोजन बिहार भवन के साथ मिलकर मनाया जाएगा। परिषद के अध्यक्ष उदय कुमार ने संजय झा को बिहार भव से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
अखिल भारतीय एकता मंच के प्रमुख उदय सिंह, राजेन्द्र बाबू मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी बिजय शंकर सिंह, हरिश्चन्द्र झा, राजेश्वर सिंह आदि संजय झा का अभिनंदन किया। परिषद के सचिव अरुण झा, कोषाध्यक्ष रामकिंकर सिंह, देवेश चौबे, दीपेश कुमार आदि उपस्थित थे।
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किदवई अस्पताल : जल्द डिजिटल होगा रिकॉर्ड बेंगलूरु. किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलोजी जल्द ही देश के मुख्य ई-अस्पतालों में शुमार हो जाएगा।
किदवई के निदेशक डॉ. रामचंद्र सी.ने बताया कि गत 30 वर्षों के रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण की योजना है।इसके बाद किदवई पूरी तरह से कागज रहित हो जाएगा। डिजिटलीकरण कार्य जल्द शुरू होगा। हर वर्ष 18 हजार नए व ढ़ाई लाख से ज्यादा पुराने मरीज उपचार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से किदवई पहुंचते हैं। हर दिन करीब एक हजार मरीजों का उपचार होता है। डिजिटलीकरण से हर वर्ष करोड़ें रुपए के कागज की बचत होगी। चिकित्सक भी आसानी से मरीजों के पुराने रिकॉर्ड कम्प्यूटर पर देख सकेंगे। किदवई के ई-अस्पताल बनते ही मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री ऑनलाइन दर्ज होगी। मरीज देश के किसी भी ई-अस्पताल में जाकर चिकित्सक को अपनी पूरी जानकारी दे सकेंगे।
किदवई अस्पताल : जल्द डिजिटल होगा रिकॉर्ड बेंगलूरु. किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलोजी जल्द ही देश के मुख्य ई-अस्पतालों में शुमार हो जाएगा।
किदवई के निदेशक डॉ. रामचंद्र सी.ने बताया कि गत 30 वर्षों के रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण की योजना है।इसके बाद किदवई पूरी तरह से कागज रहित हो जाएगा। डिजिटलीकरण कार्य जल्द शुरू होगा। हर वर्ष 18 हजार नए व ढ़ाई लाख से ज्यादा पुराने मरीज उपचार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से किदवई पहुंचते हैं। हर दिन करीब एक हजार मरीजों का उपचार होता है। डिजिटलीकरण से हर वर्ष करोड़ें रुपए के कागज की बचत होगी। चिकित्सक भी आसानी से मरीजों के पुराने रिकॉर्ड कम्प्यूटर पर देख सकेंगे। किदवई के ई-अस्पताल बनते ही मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री ऑनलाइन दर्ज होगी। मरीज देश के किसी भी ई-अस्पताल में जाकर चिकित्सक को अपनी पूरी जानकारी दे सकेंगे।