सिद्धरामय्या ने साफ कहा कि उपचुनाव में जनता दल-एस के साथ गठबंधन का सवाल ही पैदा नहीं होता है। कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। अयोग्य ठहराए गए विधायकों की मदद को लिए उपचुनावों की घोषणा 6 5 दिन पहले कर दी गई।
उन्होंने कहा कि आयोग ने पहले उपचुनाव के तारीखों की घोषणा की बाद में उसे रद्द कर दिया। अचानक चुनाव की नई तारीखें पुननिर्धारित की गई। यह स्पष्ट हो गया है कि आयोग भाजपा के सुर में सुर मिला रहा है। लेकिन, भाजपा कुछ भी कर ले कांग्रेस उपचुनावों में अधिकांश सीटें जीतेगी।
मुनियप्पा दोस्त, दुश्मन जैसे नहीं लड़ सकते
प्रदेश कांग्रेस नेताओं के बीच गहरे मतभेद की खबरों को उन्होंने मीडिया की उपज करार दिया और कहा कि उन्हें पार्टी में दरकिनार किए जाने की बातें बिल्कुल झूठी हैं। कोई किसी को दरकिनार नहीं कर सकता। इस बात की चर्चा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री केएच मुनियप्पा और उनके बीच बेंगलूरु में हुई बैठक के दौरान बहस हुई।
उन्होंने कहा ‘हम दोनों दोस्त हैं। यह आपस में कुछ मतभेदों को चलते हुआ। लेकिन, हम कोई दुश्मन की तरह नहीं लड़ते।’ यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी पर उनकी पकड़ कमजोर हो रही है सिद्धरामय्या ने कहा कि सभी नेताओं का पार्टी पर प्रभाव है। यहां तक की पार्टी के एक आम कार्यकर्ता का भी पार्टी पर उतना ही प्रभाव है। कांग्रेस में सब कुछ सही रास्ते पर है।