कृष्णा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उपचुनावों के परिणाम मुख्यमंत्री येडियूरप्पा को 224 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत दिलाने और बिना किसी रुकावट के अपना कार्यकाल पूर्ण करने में सहायता करेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिर सरकार बनवाने का श्रेय कांग्रेस व जद-एस के उन 17 विधायकों को जाता है जिन्होंने विधायक पद से त्यागपत्र देकर येडियूरप्पा की सरकार के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त किया।
यदि वे ऐसा नहीं करते तो कर्नाटक की जनता को राज्य में अस्थिर सरकार को झेलना पड़ता। भाजपा सरकार को गिरने नहीं देने के पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के बयान का उल्लेख करते हुए कृष्णा ने कहा कि मैं उनके इस दृष्टिकोण का स्वागत करता हूं।
जनतादल-एस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के भाजपा सरकार के बारे में दिए जा रहे विरोधाभासी बयानों का हवाला देते हुए कृष्णा ने कहा कि जद-एस को राज्य की भाजपा सरकार के बारे में अपना नजरिया स्पष्ट करना चाहिए।
सरकार बनाने का सपना देख रहा विपक्ष
कृष्णा ने कांग्रेस-जद-एस के बीच पुन: गठजोड़ को एक नाटक करार देते हुए कहा कि राज्य में इन दोनों की दलों की सरकार फिर से बनना दिन में सपने देखने के समान है। उपचुनाव के परिणाम आने के बाद दोनों ही दलों के नेता अलग अलग सपने देख रहे हैं। कोई मध्यावधि चुनाव चाहता है तो कोई चाहता है कि भाजपा सरकार गिर जाए। लेकिन सरकार गिराने के लिए भी ताकत चाहिए।
सरकार गिराकर विधायकों ने किया उपकार
उन्होंन कहा कि 14 माह तक चली कांग्रेस- जद-एस सरकार से लोग तंग आ गए थे। गठबंधन सरकार ने बड़ी ही कठिनाईयों के साथ एक एक माह का सफर तय किया। ऐसी लक्ष्यहीन सरकार को गिराकर 17 अयोग्य विधायकों ने राज्य की जनता के साथ महा उपकार किया। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की जीत से अगले साढ़े तीन सालों तक भाजपा सरकार बिना किसी के दवाब में आकर स्वतंत्र रूप से प्रसासन चलाकर राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जाएगी। कृष्णा ने कहा कि कांग्रेस व जद-एस की अस्थिर सरकार को गिराने में उन्होंने भी थोड़ा यागदान किया था और वे अपने इन शब्दों पर कायम हैं। इस मौके पर राजस्व मंत्री आर. अशोक, विधान परिषद सदस्य लहरसिंह सिरोया तथा पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे।