यही कारण है कि सत्ता संभालने के तीन महीने बाद अब मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा अपने कार्यालय में प्रशासनिक तौर पर फेरबदल करने की तैयारी में हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्य निष्पादन को बेहतर बनाने के लिए येडियूरप्पा कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारी देने पर विचार कर रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फेरबदल में कई पुराने चेहरे विदा हो जाएंगे जबकि कई नए चेहरों को जिम्मेदारी मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक भाजपा आलाकमान सरकार के कामकाज की समीक्षा करने के बाद येडियूरप्पा को प्रशासनिक फेरबदल करने के लिए कहा है। बताया जा है कि पार्टी आलाकमान ने मौजूदा कई सचिवों को बदल कर उनकी जगह नए अधिकारियों को जिम्मेदारी देने के लिए कहा है। पुराने सचिवों में से कई प्रोन्नत आइएएस हैं और इनकी जगह लक्ष्य के साथ काम करने वाले नए अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थापन के दो महीने पश्चात ही मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव वी पी इक्केरी का तबादला किया जा चुका है। अब सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के कई अधिकारियों के तबादले की तैयारी है।
फैसले पर सवाल उठते रहे
सामान्यत: मुख्यमंत्री अपने पसंद के हिसाब से अधिकारियों के कामकाज के अनुभव को देखते हुए अपने कार्यालय के लिए चुनते हैं। येडियूरप्पा ने भी सचिव स्तर के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी पसंद से चुना था। संयोगवश तीनों ही प्रोन्नत आइएएस अधिकारी थे। मुख्यमंत्री कार्यालय में काम का अनुभव नहीं होने से तीनों की पदस्थापना के समय से ही फैसले पर सवाल उठते रहे थे। बताया जाता है कि जब आलाकमान ने स्थानीय नेताओं से येडियूरप्पा सरकार की छवि को लेकर जानकारी मांगी होगी तो शायद उन लोगों ने ऐसी बात बताई होगी।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि येडियूरप्पा के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही पार्टी आलाकमान उनके कामकाज पर नजर रखने के साथ ही कई बार फैसलों में दखल देता रहा है। चाहे मामला ३ उप मुख्यमंत्री बनाने का हो, मंत्रियों के चयन अथवा विभागों के बंटवारे का। पार्टी आलाकमान ने सिर्फ आवश्यक होने पर अधिकारियों के तबादले करने का सुझाव दिया है।
विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों के सुझाव पर तबादले नहीं करने के लिए कहा गया है। बताया जाता है कि पार्टी अलाकमान से मिले सुझाव के कारण ही पिछले एक पखवाड़े में तबादलों के मामले घटे हैं। तबादलों को लेकर भी विपक्ष येडियूरप्पा सरकार को घेरता रहा है।