भाजपा विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री येडियूरप्पा कांग्रेस व जद-एस के 17 अयोग्य विधायकों के क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष पैकेज देकर व हमें ठेंगा दिखाकर पिछली गठबंधन सरकार के रवैये का अनुकरण कर रहे हैं। उनका यह भी आरोप है कि मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी की फिक्र लगी है इसीलिए वे विधानसभा के उपचुनाव वाले 15 विधानसभा क्षेत्रों के सैकड़ों करोड़ का अनुदान जारी करने के साथ ही खुद उन क्षेत्रों में जाकर विकास कार्यों का शिलान्यास कर रहे हैं। लेकिन जब हम अनुदान की मांग करते हैं तो हमें अधिकारियों के मार्फत भगा देने का काम कर रहे हैं।
इन विधायकों ने येडियूरप्पा के इस पक्षपातपूर्ण बर्ताव के खिलाफ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, भाजपा के प्रभारी मुरलीधर राव तथा पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष से शिकायत की है। विधायकों की इन शिकायतों पर गौर करने के बाद इन नेताओं ने मुख्यमंत्री येडियूरप्पा को जल्द ही पार्टी आफिस में बुलाकर विधायकों की समस्याओं को दूर करने के निर्देश देने का आश्वासन दिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कटील ने इस मसले पर मुख्यमंत्री से बातचीत की है और पार्टी के विधायकों की मांगों पर गौर करने , अधूरे पड़े विकास कार्यों को पुरा करवाने, अधिकारियों के तबादलों के बारे में की जाने वाली सिफारिशों पर आवश्यक कार्यवाही करने की की सलाह दी है।
पार्टी सूत्रों से अनुसार इन नाराज विधायकों ने गत दिनों भाजपा के कार्यालय में कटील से भेंट की और बताया कि मुख्यमंत्री ने 17 अयोग्य विधायकों के क्षेत्रों के विकास के लिए मुंह मांगा अनुदान जारी किया है और उनके द्वारा की जाने वाली तमाम सिफारिशों पर तत्काल अमल किया है। हालांकि हम भी जानते हैं कि सरकार को सुस्थिर रखने के लिए उपचुनाव जीतना कितना जरुरी है। हम यह नहीं कहते कि अयोग्य विधायकों के क्षेत्रों के लिए अनुदान नहीं दिया जाए पर हमारे 7ेत्रों के विकास की उपेक्षा करना कहां तक ठीक है।
पिछली सरकार के कार्यकाल में कुमारस्वामी के पक्षपात पूर्ण बर्ताव से तंग आकर कांग्रेस के कुछ विधायकों ने त्यागपत्र दे दिए और सरकार गिर गई पर हम चाहते हैं कि हमारी पार्टी में इसकी पुनरावर्ति नहीं हो। हालांकि विधायकों की समस्याओं को दूर करने व उनकी शिकायतों को ुनने के लिए मुख्यमंत्री येडियूरप्पा तत्पर रहते हैं लेकिन उनके आगे पीछे चलने वाले लोग अडंगा लगा देते हैं। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। बताया जाता है कि अगले सप्ताह खुद मुख्यमंत्री नाराज विधायकों के साथ बैठक करके उनकी समस्याएं को दूर करके विवाद दूर करने का प्रयास करेंगे।