पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने पैसे की पेशकश को ठुकरा दिया और, भाजपा की बनने वाली नई सरकार में अच्छे मंत्री पद की मांग की ताकि समाज सेवा कर सकें। उन्होंने कहा ‘यह सच है कि मुझे पैसे देेने की पेशकश की गई। मैंने पैसे नहीं लिए और अच्छा पोर्टफोलियो मांगा। मेरी मांग के अनुरूप मुझे कैबिनेट में जगह दी गई। लेकिन, अब मुझे पद से हटा दिया गया है। मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में मुझे कैबिनेट में जगह दी जाएगी।’
कैबिनेट में शामिल करने का मिला है आश्वासन
पाटिल ने कहा, ‘मैंने कैबिनेट पोर्टफोलियो के बारे में वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की है और मराठा समुदाय भी मेरे लिए आवाज उठा रहा है। मराठा समुदाय मुझे नए मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग कर रहा है। वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने मुझे आश्वासन दिया है कि मुझे कैबिनेट में शामिल किया जाएगा।’
गौरतलब है कि गठबंधन सरकार के पतन के दौरान कांग्रेस और जद-एस नेताओं ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। हालांकि, सरकार गिर गई और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। येडियूरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद श्रीमंत पाटिल को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया।