उन्होंने मंगलवार को कहा कि पहले चुनाव में केवल उम्मीदवार को ही सभी विवरण देना पड़ता था। लेकिन लोकसभा चुनाव में परिवार के सदस्य का विवरण देना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उम्मीदवार ७० लाख रुपए तक खर्च कर सकता है। यह रकम बैंक में जमा करनी होगी और जमा रकम के आधार पर ही खर्च करना होगा। हर दिन खर्च से संबंधित विवरण चुनाव आयोग को देना होगा। उम्मीदवार पर कितने फौजदारी मुकदमे दर्ज हैं, इसकी जानकारी तीन बार अखबारों और टीवी मेंं विज्ञापन से देना होगा।
बेंगलूरु के तीनों लोकसभा क्षेत्रों के लिए अधिसूचना जारी होने की घोषणा करते हुए मंजुनाथ ने कहा कि सुबह ११ बजे से दोपहर ३ बजे तक नामांकन पर्चा चुनावाधिकारी को देने होंगे। नामांकन पर्चा दाखिल करते समय उम्मीदवार के साथ केवल पांच लोगों का प्रवेश होगा। उम्मीदवार की तस्वीर खींची जाएगी।
उम्मीदवारों को चुनाव अधिकारियों के सामने शपथ लेनी होगी। नामांकन केंद्रों के १०० मीटर के दायरे में वाहनों का प्रवेश वर्जित होगा। चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए चुनाव अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी।
पुलिस प्रशासन ने पुख्ता की सुरक्षा व्यवस्था
बेंगलूरु. लोकसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय ने अपने अधिकार क्षेत्र के पांच संसदीय क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। पुलिस आयुक्त टी. सुनील कुमार ने मंगलवार को बताया कि शहर के तीन लोकसभा क्षेत्र के अलावा चिकबल्लापुर और बेंगलूरु ग्रामीण क्षेत्र भी शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय के अंतर्गत हैं।
इनमें से बेंगलूरु दक्षिण के अन्नमलई, बेंगलूरु मध्य के राहुल कुमार, बेंगलूरु उत्तर के शशिकुमार, चिकबल्लापुर के कला कृष्णामूर्ति और बेंगलूरु ग्रामीण संसदीय क्षेत्र में ईशा पंत को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। चुनाव अधिकारी के तौर पर विजय शंकर और निखिल लोकेश नियुक्त हैं। इसके अलावा शहर के पुलिस अधीक्षक भी अपना कर्तव्य निभाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसक्षा क्षेत्र में तीन चेक पोस्ट के अलावा फ्लाइंग दल गठित किए गए हैं। चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी नजर होगी।
शहर में अर्ध सैनिक बलों का आवगमन शुरू हो चुका है। सभी विधानसभा क्षेत्र में फ्लैैग मार्च शुरू हो गया है। जिन क्षेत्रों में अल्पसंख्यक, दलित और पिछड़े वर्ग के लोग अधिक संख्या में हैं, वहां कड़ी नजर रहेगी। ताकि उम्मीदवार मतदाताओं पर अवैध तरीकेों का इस्तमेाल नहीं कर सकें।
शहर में कुल ७,९०० लाइसेंस प्राप्त शस्त्र हैं। उन्हें पुलिस थानों में जमा किया जा रहा है। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों, पूर्व सैन्य अधिकारियों, बैंकों के सुरक्षा कर्मचारियों समेत प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों को शस्त्र रखने की अनुमति दी गई है। शस्त्र जमा नहीं करने पर लोगों की निशानदेही कर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अभी तक शहर के आठ हजार समाजकंटकों को पुलिस थाने बुलाकर उनकी परेड करवाई गई है। उन्हें सभी समाज विरोधी गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। अगर कोई समाज विरोधी गतिविधयों में लिप्त पाया गया तो गुंडा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।