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बैंगलोर

सामान्य मानसून वर्ष में अतिरिक्त पानी के उपयोग का हक चाहता है राज्य

कावेरी जल विवाद

बैंगलोरJul 17, 2018 / 12:23 am

Rajendra Vyas

cauvery water row

सामान्य मानसून वर्ष में अतिरिक्त पानी के उपयोग का हक चाहता है राज्य

कर्नाटक मसले को कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के समक्ष उठाएगा

बेंगलूरु. सामान्य मानसून वाले वर्ष में कावेरी पंचाट और उच्चतम न्यायालय के अंतिम फैसले के मुताबिक तमिलनाडु के लिए 177.25 टीएमसी पानी छोडऩे के बाद राज्य कावेरी बेसिन क्षेत्र में उपलब्ध अतिरिक्त पानी के उपयोग के अधिकार के लिए दावा करेगा। कर्नाटक का तर्क है कि कावेरी मसले पर शीर्ष अदालत के अंतिम फैसले में सामान्य मानसून वाले वर्ष में अतिरिक्त पानी के उपयोग को लेकर कुछ नहीं कहा गया है लिहाजा उस पानी पर उसका हक बनता है। कर्नाटक इस मसले को कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के समक्ष उठाएगा।
अदालत के फैसले के फैसले के मुताबिक सामान्य मानसून वर्ष में पूरे कावेरी नदी क्षेत्र में 740 टीएमसी पानी का संग्रहण होता है। इसमें से तमिलनाडु का हिस्सा 404.25 टीएमसी है जबकि कर्नाटक को 284.75, केरल को 30 और पुदुचेरी को 7 टीएमसी फीट पानी मिलना है। कर्नाटक को सामान्य वर्ष में 177.25 टीएमसी पानी छोडऩा है, जिसका मापन दोनों राज्यों की सीमा के पास तमिलनाडु के बिलीगुंडलू में होता है।
कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण से राज्य सरकार ने कहा कि सामान्य मानसून वर्ष में तमिलनाडु ेको निर्दिष्ट हिस्सा देने अथवा कम बारिश वाले वर्ष में संकटकालीन सूत्र के अनुपात में पानी छोडऩे के बाद कर्नाटक को अपने बांधों में उपलब्ध पानी का पूर्ण उपयोग करने का अधिकार है। दोनों ही स्थितियों में तमिलनाडु के लिए पानी छोडऩे के बाद कर्नाटक के पास अपनी पसंद के फसल का अधिकार है। हालांकि, सामान्य वर्ष में अतिरिक्त पानी की उपलब्धता को लेकर कोई ठोस आंकड़ा जल संसाधन विभाग के पास अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन अधिकारी प्राधिकरण के सामने अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए गणना में जुटे हैं।
कर्नाटक का कहना है कि संकट (अनुमानित 740 टीएमसी में से कितना पानी संग्रहित हुआ) का आकलन 31 मई को जल वर्ष की समाप्ति पर ही हो सकता है। मासिक जल संग्रहण का आंकड़ा उपलब्ध नहीं होने के कारण मासिक आधार पर संकट का आकलन करना संभव नहीं है और तदर्थ आधार पर ऐसा कोई आकलन राज्य के हितों के खिलाफ होगा। प्राधिकरण की उपसमिति कावेरी जल विनियमन समिति ने सभी राज्यों से हर 10 दिन के अंतराल पर आवश्यक पानी के आंकड़ें मांगें हैं। कर्नाटक का कहना है कि ऐसा सिर्फ कम बारिश वाले वर्ष में ही किए जाने की आवश्यकता है, सामान्य मानसून वाले वर्ष में नहीं।
कावेरी पर दिल्ली में सांसदों की बैठक 19 को
कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के गठन के मसले पर राज्य सरकार ने 19 जुलाई को दिल्ली में राज्य के सांसदों की बैठक बुलाई है। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू होगा। इसके अगले दिन मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी राज्य के सांसदों के साथ बैठक करेंगे और संसद के दोनों सदनों में कावेरी बोर्ड के गठन का मुद्दा उठाने और चर्चा कराने की मांग करने की अपील करेंगे। बैठक में उपमुख्यमंत्री डॉ जी परमेश्वर और सिंचाई मंत्री डी के शिवकुमार भी शामिल होंगे। पिछले सप्ताह हुई सर्वदलीय बैठक में कावेरी बोर्ड के गठन के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देने पर सहमति बनी थी। हालांकि, अभी राज्य सरकार ने याचिका दायर नहीं की है। बैठक में सहमति बनी थी कि सांसद मानसून सत्र में इस मसले को उठाएंगे। राज्य सरकार को कहना है कि कानून के मुताबिक इस तरह के बोर्ड का गठन सिर्फ में संसद के बाद ही हो सकता है। उधर रविवार को लबालब हो चुके केआरएस और हेमावती बांधों से 1.08 लाख क्यूसैक पानी छोड़ा गया।

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