संसद में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 17 हजार करोड़ रुपए की बेंगलूरु उपनगरीय रेल परियोजना को तभी मंजूरी मिलेगी, जब केंद्र को कर्नाटक की राज्य सरकार से भूमि के बारे में विवरण प्राप्त होगा। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिलने के कारण उपनगरीय रेल परियोजना लंबित है।
हालांकि उन्होंने कहा कि अब राज्य में मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा के नेतृत्व में नई सरकार बन चुकी है और उपनगरीय रेल परियोजना को लेकर राज्य सरकार और अधिकारियों के साथ चर्चा की जा रही है। मंत्री ने कहा कि जैसे ही केंद्र को कर्नाटक सरकार से भूमि और धन के बारे में ब्योरा मिलेगा, वे इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया में आगे बढ़ जाएंगे।
येडियूरप्पा सरकार ने भेजा संशोधित डीपीआर
सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बीएस येडियूरप्पा सरकार ने उपनगरीय रेल परियोजना के लिए एक संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत की है। संशोधित डीपीआर में लगभग 55 विषम उपनगरीय रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं, जो शहर के अलग अलग रूटों पर लगभग 150 किलोमीटर की दूरी में होंगे। कर्नाटक सरकार ने केंद्र को रेल इंफ्रास्स्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (कर्नाटक) लिमिटेड (के-राइड) के माध्यम से परियोजना के विकास कार्य को निष्पादित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा, उपनगरीय रेल परियोजना को लागू करने के लिए एक विशेष प्रयोजन निकाय (एसपीवी) का गठन किया जाना है।