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बैंगलोर

लॉकडाउन में स्वच्छता मुद्दों की अनदेखी

– विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस

बैंगलोरMay 29, 2020 / 01:47 am

Nikhil Kumar

लॉकडाउन में स्वच्छता मुद्दों की अनदेखी

लॉकडाउन में स्वच्छता मुद्दों की अनदेखी

बेंगलूरु. सैनेटरी पैड और मासिक धर्म कप आदि जैसे स्वच्छता उत्पादों की उपलब्धता के बावजूद 80 फीसदी भारतीय महिलाएं इसके इस्तेमाल से वंचित हैं क्योंकि ये उनकी पहुंच से बाहर हैं। लॉकडाउन के कारण भी लाखों महिलाएं ऐसे उत्पादों की कमी से भी परेशान हैं। देश भर में यही स्थिति है। करीब 30 करोड़ महिलाओं को मासिक धर्म संबंधी मुद्दों से जूझना पड़ता है। प्रवासियों व व्यावसायिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित होने के कारण महिलाओं की स्वच्छता के मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

ये बातें एशियन रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फॉर स्कील ट्रांसफर की अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नीति सलाहकार डॉ. हेमा दिवाकर (Dr.Hema Divakar) ने गुरुवार को कही। वे विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (World Menstrual Hygiene Day) पर गुरुवार को भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) की ओर से कोविड-19 के दौरान माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन विषय पर आयोजित वेबीनार को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की उपायुक्त (किशोर स्वास्थ्य) डॉ. जोया अली रिजवी, यूनिसेफ इंडिया की डॉ. प्रतिभा सिंह और संयुक्त राष्ट्र महिला भारत की अभिलाषा सूद ने भी वेबीनार में हिस्सा लिया।

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