सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कुमारस्वामी परिणाम आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से बात की। उन्होंने राहुल से स्पष्ट कहा कि कुछ कांग्रेसी नेताओं की साजिश के शिकार हो गए। सरकार के गठन के समय ही पार्टी के कुछ विधायकों ने कांग्रेस के साथ नहीं जाने की सलाह दी थी लेकिन, पिता का आदेश मानकर पार्टी के साथ गठजोड़ किया। यह उसीका परिणाम है।
इस पर राहुल गांधी ने कुमारस्वामी को जल्दबाजी में कोई गलत पैसला नहीं करने की सलाह दी और कहा कि राजनीति व चुनावों में हार जीत स्वाभाविक होती है। आपने पिछले एक साल के दौरान अच्छा शासन दिया है। ऐसे कठिन समय में आप के अलावा इस पद की जिम्मेदारी संभाल पाना अन्य किसी के बस का बात नहीं है। दूसरा कोई भी नेता उन्हें स्वीकार्य नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री पद पर बने रहें। मौजूदा कठिन हालात से निपटने व सरकार को सुचारू रूप से चलाने के लिए के.सी. वेणुगोपाल के निर्देश दिए जाएंगे।
सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं ने करीब 10 से 15 मिनट तक बातचीत की। राहुल के भरोसा दिलाने पर कुमारस्वामी ने त्यागपत्र देने का अपना इरादा बदल दिया। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद में कांग्रेस के नेता सक्रिय हो गए और आधी रात से लेकर शुक्रवार दोपहर तक अनेक बैठकें की।
राहुल के निर्देश पर परमेश्वर के घर पर सिद्धरामय्या की मौजूदगी में कांग्रेस के मंत्रियों की बैठक हुई जिसमें कुमारस्वामी के नेतृत्व में ही आगे बढऩे व उनको पूर्ण समर्थन देने का निर्णय किया गया। सिद्धरामय्या ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ चर्चा करने के बाद वहीं से कुमारस्वामी से फोन पर संपर्क किया और कहा कि त्यागपत्र देने का निर्णय नहीं करें।