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बैंगलोर

कॉफी की कमी होने के आसार, 40 फीसदी घट गया उत्पादन

कुल उत्पादन का 70 फीसदी हिस्सा पैदा करता है कर्नाटक

बैंगलोरOct 31, 2018 / 09:27 pm

Rajendra Vyas

cofee

कॉफी की कमी होने के आसार, 40 फीसदी घट गया उत्पादन

कोडुगू, हासन और चिक्कमगलूर में बाढ़ ने बर्बाद की फसल
बेंगलूरु. मानसून के दौरान कर्नाटक में कोडुगू सहित केरल और तमिलनाडु के कई कॉफी उत्पादक जिलों में हुई विनाशकारी बारिश के कारण इस वर्ष देश के कॉफी उत्पादन भारी गिरावट हुई है।
कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन (केपीए) के अध्यक्ष एचटी प्रमोद ने मंगलवार को कहा कि राज्य में आई प्राकृतिक आपदा के कारण कॉफी उत्पादन करीब 30 से 40 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु ही देश के प्रमुख कॉफी उत्पादक राज्य हैं, लेकिन इस वर्ष बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा, कॉफी बोर्ड ने इस वर्ष के लिए 3.16 टन कॉफी उत्पादन का लक्ष्य रखा था जो वर्ष 2016-17 की तुलना में 4000 टन ज्यादा था, लेकिन केपीए का मानना है कि इस बार कॉफी उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 30 से 40 फीसदी कम रहने की उम्मीद है क्योंकि कोडुगू, हासन और चिक्कमगलूर में भारी बारिश से कई कॉफी बागान बुरी तरह प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि अकेले कोडुगू जिले में अगस्त महीने में बारिश ने 116 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। वहीं कई जगहों पर लगातार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे हजारों हेक्टेयर में कॉफी बागान बह गए। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व सूखे के कारण कॉफी बागान क्षतिग्रस्त हुए थे, जिसने पौधे की वृद्धि प्रभावित हुई और फल का आकार छोटा हो गया। इसी बीच रिकॉर्ड बारिश के कारण शुरुआती दौर में ही बड़े स्तर पर फल गिर गए, जबकि लगातार कई दिनों तक जमीन दलदली रहने के कारण जड़ें सडऩे लगीं। इन सभी कारणों से कॉफी उत्पादन लक्ष्य से काफी कम रहने की उम्मीद है।
उन्नत बीज आयात नहीं करने दे रहा बोर्ड
कॉफी बोर्ड पर आरोप लगाते हुए प्रमोद ने कहा कि कॉफी बोर्ड उच्च उपज वाले उन्नत कॉफी बीजों के आयात की अनुमति नहीं दे रहा है। वहीं कॉफी उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ते देश जैसे ब्राजील, कोलंबिया और वियतनाम के कॉफी बीजों में उच्च उत्पादकता है। साथ ही उनके बीज रोग एवं सूखा प्रतिरोधी हैं। वहीं भारत में कॉफी बोर्ड न तो नई उच्च उपज और बीमारी प्रतिरोधी अरेबिका और रोबस्टा किस्मों को जारी कर रहा है और ना ही यहां के उत्पादकों को उच्च उपज वाले किस्मों के बीज आयात करने की अनुमति नहीं दे रहा है।
राष्ट्रीय आपदा घोषित करे केंद्र
प्रमोद ने कहा कि कॉफी उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में सातवां है। ऐसे में अगर भारत में कॉफी उत्पादन में गिरावट दर्ज की जाती है तो भी विश्व के कॉफी बाजार पर इसका खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। चूंकि इस बार करीब 10 से 15 वर्षों के बाद देश के कॉफी उत्पादकों के समक्ष इतनी गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है, इसलिए केन्द्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। कॉफी बोर्ड का कुल नुकसान करीब 82 हजार टन तक अनुमानित है।

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