सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री येडियूरप्पा ने सवदी को हर हाल में हटाने की बात राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल.संतोष से कह दी है और यह पता लगने के बाद से सवदी अपने जिले व उत्तर कर्नाटक तक ही सीमित हो गए हैं। सवदी को परिवहन विभाग के साथ ही कृषि विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंंपा गया है।
गत दिनों विधानसौधा के सामने केएसआरटीसी व बीएमटीसी के बस बेड़े में नई बसें शामिल करने के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सवदी के आने की प्रतीक्षा की लेकिन जब वे नहीं आए तो मुख्यमंत्री ने स्वयं बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बेंगलूरु में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह का मंगलवार को उद्घाटन हुआ जिसमें मुख्यमंत्री येडियूरप्पा व गृहमंत्री बसवराज बोम्मई ने भाग लिया। लेकिन सवदी इस कार्यक्रम में भी नहीं आए।
हालांकि भाजपा आलाकमान ने लिंगायत समुदाय में येडियूरप्पा के विकल्प के तौर पर लक्ष्मण सवदी का इस्तेमाल करने का निश्चय किया जिसमें बीएस संतोष की भूमिका ही अहम रही। किसी भी सदन का सदस्य नहीं होने के बावजूद सवदी को उप मुख्यमंत्री बनाने के पीछे संतोष का ही हाथ था।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि आलाकमान का वरदहस्त मिलने से सवदी येडियूरप्पा की उपेक्षा कर रहे हैं और उन्होंने अपने विभाग की प्रगति समीक्षा भी नहीं की।