प्रचार के लिए कई मंत्रियों और नेताओं को साथ में आने के लिए कहा था, लेकिन अधिकांश ने उनके बुलावे को नजरअंदाज कर दिया। इस पर परमेश्वर ने नाराजगी जताई और वहीं से सीधेे आलाकमान से शिकायत की। तीन लोकसभा और दो विधानसभा क्षेत्रों के उप चुनाव के लिए गठबंधन दलों में से कांग्रेस के दो उम्मीदवार जमखंडी से आनंद न्यामेगौड़ा और बल्लारी से वी.एस. उग्रप्पा मैदान में हैं।
दोनों क्षेत्रों मेंं उम्मीदवारंों के समर्थन में चुनाव प्रचार करना कोई मुश्किल का काम नहीं। इन दिनों मौसम भी ठंडा है। उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर को जमखंडी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डी.के. शिव कुमार को बल्लारी क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है।
परमेश्वर स्वयं उम्मीदवार के साथ कुछ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या बागलकोट जिले के बादामी से ही विधायक चुने गए हैं। इसलिए सिद्धरामय्या को ही जमखंडी विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाए जाने की संभावना थी।
अंतिम समय में परमेश्वर को प्रभारी बनाया गया। जिसके कारण सिद्धरामय्या के समर्थक मंत्री, विधायक और अन्य नेताओं ने खुद को प्रचार से दूर रखा। प्रचार के लिए मंत्री यू.टी. खादर, जमीर अहमद खान, कृष्णा बैरेगौड़ा, आर.वी. देशपांडे समेत सभी मंत्री, पूर्व मंत्री एस.आर. पाटिल, बी.आर. पाटिल, विनय कुलकर्णी, वीरा कुमार पाटिल, विधायक प्रसाद अब्बय्या, रूपा शशिधर, महंतेश कौजलगी, शिवराम हेब्बार, यशवंतराव पाटिल, गणेश हुक्केरी, पूर्व विधायक सी.एस. नाडगौड़ा, नंजय्या मठ, हंपनागौड़ा बादरली, विजयनन्द काशप्पनवर, विधान परिषद के सदस्य विवेकराव पाटिल, सुनील गौड़ा पाटिल समेत कई नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए नियुक्त किया था।
सिद्धरामय्या ने केवल दो दिन प्रचार किया और लौट आए। उनके साथ सभी मंत्री, विधायक कई नेता साथ थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने भी अभी तक यहां चुनाव प्रचार नहीं किया है। सिद्धरामय्या ने परमेश्वर को मजाक में ही कहा था कि आलाकमान ने उन पर अधिक विश्वास रखा है और वे और अन्य मंत्री या नेता केवल नाम के लिए है।