scriptकित्तूर में कांग्रेस और भाजपा में बगावत के सुर | Congress and BJP rebel in Kittur | Patrika News
बैंगलोर

कित्तूर में कांग्रेस और भाजपा में बगावत के सुर

म्मीदवार चयन को लेकर दोनों ही दलों में विरोध के स्वर दिखे और अंदरूनी खेमेबाजी सामने आ गई है

बैंगलोरApr 22, 2018 / 05:25 pm

कुमार जीवेन्द्र झा

CONGBJP
बेलगावी. सीमावर्ती जिले बेलगावी के कित्तूर निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए चुनाव के पूर्व सबसे बड़ी चुनौती अपनी पार्टी के नाराज धड़े को मनाना है। उम्मीदवार चयन को लेकर दोनों ही दलों में विरोध के स्वर दिखे और अंदरूनी खेमेबाजी सामने आ गई है।
ऐतिहासिक कित्तूर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार के चयन में कांग्रेस को भारी दुविधा का सामना करना पड़ा और अंतत: पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक डीएम ईनामदार को टिकट नहीं दिया, इस कारण ईनामदार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अब वे बागी बन कर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
पार्टी नेतृत्व से पूर्व से भी नाराज माने जाने वाले ईनामदार के अतिरिक्त उनके एक संबंधी नाना साहेब पाटिल कांग्रेस के मुख्य टिकट दावेदार थे और पार्टी ने पाटिल को तरजीह दी। ऐसे में ईनामदार का विद्रोह अब चुनाव के दौरान कांग्रेस को भारी पड़ सकता है।
भाजपा भी ऐसी ही परेशानी झेल रही है। पूर्व विधायक सुरेश मरिहाल टिकट के प्रमुख दावेदार थे लेकिन पार्टी नेतृत्व से उन्हें निराशा हुई क्योंकि भाजपा ने महंतेश दोड्डवादोर को उम्मीदवार बना दिया। इस बीच शनिवार को मरिहाल के समर्थकों ने कित्तूर बंद करवाया और जिस कारण कुछ दुकानें बंद भी रहीं। इस दौरान मरिहाल के एक समर्थक ने जान देने की भी कोशिश की, जिसे पुलिस ने असफल कर दिया। बाद में स्थिति नियंत्रण में आ गई।
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कुछ सीटें होती थी दोहरी सदस्यता वाली
पहली और दूसरी विधानासभा में कुछ सीटों पर दोहरे प्रतिनिधित्व की व्यवस्था थी। पहली विधानसभा में ऐसी 19 सीटें थी जो बाद में बढ़कर २९ हो गई। दोहरे प्रतिनिधित्व का मतलब था कि एक सीट से सामान्य वर्ग का उम्मीदवार चुना जाता था जबकि दूसरी सीट अनुसूचित जाति या जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित होती थी। बाद में दोहरे प्रतिनिधित्व की व्यवस्था के बजाय आबादी के अनुपात में सीटें आरक्षित होने लगी।

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