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बैंगलोर

भारजा में मिला ग्रेनेट बम, सेना ने किया निष्क्रिय

भारजा फायरिंग रेंज में कई बार मिल चुके हैं रॉकेट राउन्ड लांचर

बैंगलोरJul 09, 2017 / 09:39 am

Amar Singh Rao

 निकटवर्ती भारजा फायरिंग रेंज क्षेत्र में शनिवार को एक रॉकेट राउन्ड लांचर (ग्रेनेट बम) मिला। जिसे माउंट आबू से पहुंचे सेना के अधिकारियों ने जांच कर निष्क्रिय किया। जानकारी के अनुसार भारजा फायरिंग रेंज के पास वन क्षेत्र में लकडिय़ां लेने गए ग्रामीणों को एक रॉकेट राउंड लांचर पड़ा दिखा। जिस पर उन्होंने गांव में सूचना दी। इसके बाद लोगों ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सेना के अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद माउंट आबू से सेना के नायब सूबेदार लक्ष्मण श्रेष्ठ, हवलदार होम बहादुर, हवलदार टीका बिस्टा मौके पर पहुंचे। उन्होंने जांच पड़ताल के बाद फायरिंग रेंज में जिन्दा रॉकेट लांचर को निष्क्रिय किया। इस दौरान हैडकांस्टेबल गणेशराम, अमित कुमार सहित पुलिस जाप्ता मौजूद रहा।

तारबंदी की मांग
ग्रामीणों ने भारजा फायरिंग रेंज क्षेत्र में तारबंदी कराने की मांग रखी है। ग्रामीणों ने बताया कि तारबंदी नहीं होने से कई बार लोग फायरिंग रेंज क्षेत्र में चले जाते हैं। इस दौरान जिंदा बम के चपेट में आने से हादसा हो जाता है। भाजपा महामंत्री पुखराज प्रजापत समेत ग्रामीणों ने प्रशासन से फायरिंग रेंज क्षेत्र में तारबन्दी या परकोटा निर्माण करवाने की मांग की है।

कई बार मिल चुके हैं रॉकेट राउन्ड लांचर
क्षेत्र में कई बार जिंदा रॉकेट राउन्ड लांचर मिल चुके हैं। 4 अप्रेल 2015 को भी एक जिन्दा बम मिला था। वहीं 1 जनवरी 2016 को एक जिंदा बम आबादी में बच्चों को खेलते समय मिला था। इसके अलावा 19 जनवरी 2016 को छह जिंदा रॉकेट राउन्ड लांचर मिले थे।

पूर्व में हो चुके हैं हादसे
सेना की भारजा फायरिंग रेंज क्षेत्र में पूर्वमें जिंदा बम से कई बार हादसे हो चुके हैं। 6 अक्टूबर 2014 भारजा निवासी सुरिया गमेती (45) पुत्र लसमा गमेती व उसकी पत्नी मणी (40) लकडिय़ां लेने गए थे। जिनकी मौत रॉकेट राउन्ड लांचर के विस्फोट से हो गई थी। वहीं 8 अक्टूबर को उनके शव को तीन रॉकेट राउन्ड लांचर मिले थे। इसी तरह 22 नवम्बर 2003 को कोयला बनाते समय जमीन में दबे रॉकेट राउन्ड लांचर में विस्फोट होने से एक ही परिवार के छह जनों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 22 मई 2008 को भारजा में एक कबाड़ी की दुकान में जिन्दा रॉकेट राउन्ड लांचर (गे्रनेट बम) तोड़ते समय हुई दुर्घटना में तीन लोगों की मौते हुई थी।

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