इस समय भी कांग्रेस में दो धड़े हैं जिनमें से एक जद-एस के साथ गठबंधन बनाए रखने के पक्ष में है और दूसरा हमेशा की तरह उसका विरोध कर रहा है।पहले कांग्रेस के नेता प्रभावशाली वोक्कलिगा समुदाय के एचडी देवगौड़ा परिवार को चुनौती देने के लिए इसी समुदाय के डीके शिवकुमार को ही आगे करते थे। अब बदले हुए राजनीतिक हालात में डीके शिवकुमार तथा एचडी देवगौड़ा के बीच बढ़ती नजदीकियों के कारण कांग्रेस का एक खेमा परेशान है।
कांग्रेस का यह गुट जनता दल एस के साथ गठबंधन रखने के पक्ष में नहीं है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने इस कार्यक्रम के मंच से ही डीके शिवकुमार को एचडी देवगौड़ा परिवार से दूरी बनाए रखने का परोक्ष संदेश देते हुए कहा था कि आम चुनाव में जद-एस के साथ गठबंधन के कारण ही पार्टी की बुरी हार हुई है। बताया जा रहा है कि दिनेश गुंडुराव का यह बयान कांग्रेस में जद-एस विरोधी गुट की सोची-समझी रणनीति थी जिसके तहत यह बयान देकर शिवकुमार को देवगौड़ा परिवार से दूर रहने का संदेश दिया गया है।
वर्ष 2018 के चुनाव के बाद भी कांग्रेस का यह धड़ा जद-एस के साथ मिलकर सरकार चलाने के पक्ष में नहीं था। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के देवगौड़ा परिवार से रिश्तों का सच सर्वविदित है। लेकिन पार्टी आलाकमान ने भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए जद-एस के साथ गठबंधन सरकार बनाने का निर्देश दिया तो इस धड़े ने गठबंधन की अधूरे मन से सहमति दी थी। अब एक बार फिर पार्टी में जद-एस के साथ गठबंधन के मसले को लेकर सोच विचार जारी है।