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बैंगलोर

अधिकतम आठ सीटें छोडऩे पर कांग्रेस की सैद्धांतिक सहमति

प्रदेश कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन के साथी जनता दल-एस के लिए अधिकतम आठ सीट छोडऩे पर सैद्धांतिक सहमति जता दी है।

बैंगलोरFeb 19, 2019 / 12:43 am

शंकर शर्मा

अधिकतम आठ सीटें छोडऩे पर कांग्रेस की सैद्धांतिक सहमति

अधिकतम आठ सीटें छोडऩे पर कांग्रेस की सैद्धांतिक सहमति

बेंगलूरु. प्रदेश कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन के साथी जनता दल-एस के लिए अधिकतम आठ सीट छोडऩे पर सैद्धांतिक सहमति जता दी है। सोमवार को इस संबंध में हुई प्रदेश नेतृत्व की बैठक में यह सहमति बनी है। हालांकि सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व पर छोड़ा गया है।


लोकसभा चुनाव की रणनीति, प्रचार, उम्मीदवारों के चयन तथा जनता दल-एस के साथ सीटों के बंटवारे आदि विषयों पर प्रमुख नेताओं की राय जानने के लिए सोमवार को एक निजी होटल में कांग्रेस की प्रदेश समन्वय समिति की बैठक व प्रदेश चुनाव समिति की बैठकें हुईं।


उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार बैठकों में पार्टी आलाकमान की मर्जी के मुताबिक गठबंधन पर सहमति जताई गई, लेकिन जद-एस के वर्चस्व वाली 4 सीटों को छोडक़र शेष सीटों को छोडऩे पर पार्टी नेताओं ने रुचि तो नहीं दिखाई। मगर फिर भी 28 में से अधिकतम आठ सीटें ही छोडऩे के लिए कांग्रेस आलाकमान पर दवाब डालने का निर्णय किया गया है। बैठक में कांग्रेस के मौजूदा सांसदों के प्रतिनिधित्व वाली किसी भी सीट को नहीं छोडऩे की राय बनी। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धधरामय्या सहित उनके समर्थकों ने ओल्ड मैसूरु क्षेत्र में भी दोनों दलों के बीच सीटों का समान बंटवारा करने व जद-एस के दबाव में आकर पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं के हितों का संरक्षण करने पर जोर दिया।


बैठक में इस पर मंथन किया गया कि जद-एस नेता मंड्या, हासन, शिवमोग्गा, बेंगलूरु उत्तर सीटों के साथ ही साथ तुमकूरु, मैसूरु, कोलार, चिकबल्लापुर, रायचूर तथा विजयपुर पर दावेदारी जता रहे हैं और इन सीटों को छोडऩे के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर दवाब डाल रहे हैं। इस क्षेत्र के नेताओं ने कहा कि जद-एस के लिए सात से आठ सीटें छोड़ी जा सकती हैं और जरूरत पडऩे पर दो-तीन सीटों पर दोस्ताना संघर्ष भी किया जा सकता है। मगर, अपने मौजूदा सांसदों वाली कोलार, चिकबल्लापुर तथा तुमकूरु सीटें नहीं छोड़ी जानी चाहिए।


बैठक में दिनेश गुंडूराव, उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने इस बारे में वरिष्ठ नेताओं की राय मांगी। जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने जद-एस के साथ गठजोड़ पर तो सहमति जताई, लेेकिन यह भी कहा कि साझीदार ने हमारे सामने कुछ ऐसी सीटों को छोडऩे का प्रस्ताव किया है, जिस पर सहमति जताना कठिन है। मंड्या व हासन सीटें छोडऩे का पार्टी कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं और इन तमाम मसलों पर हमें पार्टी आलाकमान के साथ चर्चा करके ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना होगा।


जमीनी स्तपर पर अच्छे वक्ताओं को सामने करेगी पार्टी
इससे पहले हुई पार्टी की समन्वय समिति की बैठक में दिनेश गुंडूराव ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए हमें राज्य भर में सम्मेलन आयोजित करने होंगे व जिला व तालुक स्तर पर अच्छे वक्ताओं की पहचान करके उनके जरिए प्रचार कार्य करवाना होगा।

हालांकि पार्टी में अच्छे वक्ताओं की कमी है, लेकिन कांग्रेस से हमदर्दी रखने की पहचान करके उनके जरिए हमें गठबंधन सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करने के साथ ही भाजपा के ऑपरेशन कमल तथा केंद्र सरकार की विफलताओं पर कड़े प्रहार करने होंगे। बैठक में ऑडियो सीडी प्रकरण को आक्रामक तरीके से भुनाने का निर्णय किया गया। बैठक में जिला व तालुक स्तर पर मीडिया में विज्ञापन देकर गठबंधन सरकार व पिछली कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों के बारे में व्यापक प्रचार करने का निर्णय किया गया।

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