पहले फेसशील्ड तैयार की। इन्हें जिला प्रशासन के जरिए कोरोना वारियर्स को दिया गया था। अब कांटैक्टलेस तथा टचफ्री सैनिटाइजर उपकरण तैयार किया है। इसके जरिए वे कोरोना को फैलने से रोकने को आगे आए हैं।
सेंसर आधारित कांटैक्टलेस सैनिटाइजर डिस्टेंसर अपने आप कार्य करता है। सेंसर, पंप, कंट्रोलर आदि इलेक्ट्रानिक वस्तुओं का इस्तेमाल कर इसे तैयार किया गया है। इस मशीन के नीचे हाथ रखने पर दो से तीन एमएल सैनिटाइजर गिरता है। सरकारी उपकारागार तथा प्रशिक्षण केंद्र के संयोजक मारुति भजंत्री का कहना है कि इस मशीन को एसबीआई, एचपीसीएल समेत कई उद्योगों को आपूर्ति की गई है।
सौ यूनिट तैयार करने का उद्देश्य है। इसके लिए केवल एक लीटर सैनिटाइजर डालने का मौका होने से दस से 20 कर्मचारी वाले कार्यालय के लिए यह बेहतर है। बड़े कार्यालयों के लिए उपयोगी पांच लीटर सैनिटाइजर क्षमता की मशीन को तैयार करने का कार्य चल रहा है। स्टील का इस्तेमाल भी कम खर्च में टचफ्री फुट ऑपरेटेड सैनिटाइजर स्टैण्ड को तैयार किया गया है।
ऊपरी भाग पर सैनिटाइजर बाक्स रखना चाहिए। नीचे पैर से दबाने पर सैनिटाइजर बाहर आता है। इसे हाथ से छूने की जरूरत नहीं है। इस प्रकार नहीं छूने से संक्रमण के फैलने का खतरा नहीं रहता।
प्रशिक्षण अधिकारी सोलोमन बागलकोट, लीलाधर चलगेरी, राघवेंद्र हेगडे, शरणय्या हिरेमठ, संजीव काडनकोप्प, श्रीनिवास कर्लवाड, बसवराज गंडूडी ने भी मदद की है। दांडेली जीटीटीसी के प्राचार्य अशोक वालीकार ने भी सहयोग दिया है।