उन्होंने कहा कि शहर के बाहरी क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। उसी कारण वहां अधिक टेस्ट किए जा रहे हैं। बाहरी क्षेत्रों में ही मार्शलों को नियुक्त किया गया है। दशहरे के बाद कोरोना अधिक फैलेगा।
शहर में हर दिन 4,200 टन कचरा संग्रहित हो रहा है। उसमें 1200 टन सूखा कचरा संग्रहित होता है। रद्दी चुनने वाले और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के सदस्य सप्ताह में दो बार सूखा कचरा उठाते हैं। नागरिक कई बार अनुरोध के बावजूद कचरे की छंटाई कर के नहीं दे रहे हैं। इसलिए नई निविदा प्रणाली जारी की गई है। कचरा छांट कर नहीं देने पर नागरिकों से जुर्माना वसूला जा रहा है। कचरा छांटने के काम से 7,500 रद्दी चुनने वालों को रोजगार मिला है।
उन्होंने कहा कि पालिका के 167 सूखा कचरा संग्रहित केन्द्र है।
सभी 198 वार्डो में इस तरह के केन्द्र आरंभ होंगे। कचरा अधिक हुआ तो बेंगलूरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) से सीए भूखंड प्राप्त कर वहां कचरा संग्रहण केन्द्र आरंभ करेंगे। उन्होंने कहा कि शहर के बाहरी क्षेत्र में नए लेआउट के भूखंड को राजस्व का दर्जा देने और नक्शों के बगैर भवन निर्मित करने से बारिश होने पर समस्याएं खड़ी होती हैं।