बीबीएमपी के कार्यक्षेत्र में दखल से पार्षद नाराज
कई परियोजनाओं की जिम्मेदारी केआरआईडीएल को देने का विरोधपालिका की जिम्मेदारी केआरआईडीएल को देना अनुचित : महापौर
बीबीएमपी के कार्यक्षेत्र में दखल से पार्षद नाराज
बेंगलूरु. बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) की कई परियोजनाओं की जिम्मेदारी कर्नाटक ग्रामीण मूलभूत ढांचागत विकास निगम लिमिटेड (केआरआईडीएल) को देने पर पार्षदों ने नाराजगी जताई है और लोक निर्माण मंत्री एच.डी.रेवण्णा पर हस्तक्षेप का आरोप भी लगाया है।
पार्षदों का मानना है कि अभी तक पालिका की विभिन्न परियोजनाओं की जिम्मेदारी खुद पालिका ने ली रखी थी और कुछ परियोजनाओं को बेंंगलूरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) के सहयोस से पूरा किया जा रहा है। अब अचानक सरकार ने बेंलगूरु की विभिन्न परियोजना की जिम्मेजारी केआरआईडीएल को सौंपी है। इससे कई ठेकेदारों को निराश होना पड़ रहा है। पालिका अपने तरफ से विभिन्न परियोजनाओ के लिए निविदा को आमंत्रित कर चुका है जो ठेकेदार या निर्माण कंपनी पालिका के नियमों का पालन करने की लिखित गाारंटी देने पर ही ठेका दिया जाता था। वहीं, केआरआईडीएल को विभिन्न परियोजनाओं की जिम्मेदारी दिए जाने स भ्रष्टाचार होने की संभावना है। सरकार ने इस विषय में महपौर या पार्षदों से कोई चर्चा किए बगैर एक तरफा फैसला लेकर पार्षदों को निराश किया है।
न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे
पार्षदों के एक वर्ग ने कहा कि अगर सरकार ने केआरआईडीएल को दी गई जिम्मेदारी को वापस नहीं लिया तो न्यायालय का सहारा लिया जाएगा। अगर केआरआईडीएल पालिका की सभी परियोजनाओं को पूरा करना चाहता है तो कचरा निस्तारण, संपत्ति कर संग्रहण और पालिका की अन्य सभी जिम्मेदरियां दी जाएं। महापौर गंगाम्बिके ने कहा कि पालिका की परियोजना की जिम्मेदारी केआरआईडीएल को देना उचित नहीं।
पालिका कई सालों से अपनी परियोजनाओं को सफलता से पूरा किया है। केआरआईडीएल सिर्फ जिलों और तहसलों की परियोजना की जिम्मेदारी लेता है।इसे पालिका के विषय मेें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। एक समीक्षा के अनुसार केआरआईडीएल को 4400 करोड़ रुपयों की परियोजनाओ की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि वे उप मुख्यमंत्री डॉ.जी परमेश्वर से संपर्क कर केआरआईडीएल की दी गई जिम्मेदारी को वापस लेने का अनुरोध किया है। परमेश्वर ने इस विषय पर मुख्यमंत्री से चर्चा करने का आश्वासन दिया है।
पालिका आयुक्त का भिन्न मत
पालिका के आयुक्त एन.मंजुनाथ प्रसाद ने पत्रकारो को बताया कि सरकार को पालिका की परियोजनाओं की जिम्मदरी केआरआईडीएल को देने का पूरा अधिकार है। इस विषय में वे, महापौर या पार्षद को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर पार्षदों ने न्यायालय का सहारा लिया तो उन्हे निराश होना पड़ेगा। सरकार ने मुख्यमंत्री नव बेंगलूरु योजना की बजट में इसके लिए 8,015 करोड़ रुपयों का अनुदान आरक्षित रखा है। इस योजना के तहत अगले तीन सालों के लिए शहर में मूलभूत सुविधाएं और सड़कों के विकास के लिए यह अनुदान खर्च होगा।
फ्लाई ओवर, अंडर पास और ग्रेट सेपारेटर तथा पुल निर्मित करने के लिए अलग अनुदान आरक्षित रखा गया है। सरकार ने केआरआईडीएल को एलिवेटेड कारिडोर को निर्मित करने की जिम्मेदारी दी है। यह बेंगलूरु की अभी तक की सबसे बड़ी परियोजना है।