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बैंगलोर

मुआवजे की घोषणा के बाद अंतिम संस्कार के लिए राजी हुआ परिवार

दीपक राव हत्याकांड : जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने परिवार को समझाया

बैंगलोरJan 04, 2018 / 01:28 pm

कुमार जीवेन्द्र झा

mangaluru protest
मेंगलूरु.बेंगलूरु. कई घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद आखिरकार जिला प्रशासन के दखल और राज्य सरकार के 10 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा के बाद दीपक राव का परिवार अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गया। भाजपा और बजरंग दल से जुड़े दीपक की हत्या बुधवार को दिनदहाड़े मेंगलूरु शहर से करीब 15 किमी दूर काटीपल्ला में चार कार सवार अपराधियों ने धारदार हथियार से वार कर दी थी। हालांकि, वारदात को अंजाम देकर भाग रहे अपराधियों का 20 किमी तक पीछा कर पुलिस ने 4 अपराधियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। अपराधियों को पकडऩे के लिए पुलिस को फायिरंग भी करनी पड़ी थी।
भाजपा संघ परिवार के संगठनों की ओर से आहूत सूरतकल और काटी पल्ला बंद के आह्वान को देखते हुए पहले ही मेंगलूरु शहर और आसपास के इलाकों में पुलिस ने एहतियाती तौर पर धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी थी। भाजपा ने मेंगलूरु से काटीपल्ला तक शव यात्रा निकालने की घोषणा की थी। गुरुवार सुबह मेंगलूरु के ए जे अस्पताल परिसर के शवगृह में दीपक के शव को देखने स्थानीय लोकसभा सदस्य नलिन कुमार कटील भी पहुंचे। अस्पताल परिसर में भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने आनन-फानन में परिवार वालों को बताए बिना ही दीपक को शव को शवगृह के पिछले दरवाजे से निकाल कर उसके पैतृक गांव ले जाने की कोशिश की ताकि शवयात्रा नहीं निकाली जा सके।
लेकिन जैसे ही लोगों का पता चला वे विरोध करने लगे। मौके पर मौजूद मेंगलूरु पुलिस आयुक्त टी आर सुरेश और अपर पुलिस महानिदेशक कमल पंत ने लोगों को समझाकर शांत कराया। काटीपल्ला पहुंचने पर ग्रामीणों ने एंबुलेंस के कर्मचारियों को शव उतारने से रोक दिया और अस्पताल वापस भेजने की मांग की। ग्रामीण मौके पर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री बुलाने की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से बातचीत के बाद परिवार के लोग शव को लेने और अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गए। जिलाधिकारी शशिकांत सेंथिल ने दीपक के परिवार को सांत्वाना देने के साथ ही सरकार की ओर मुआवजा दिलाने का भी भरोसा दिया। मौके पर जुटे उग्र ग्रामीणों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने दीपक के परिवार को सरकार की ओर से 10 लाख रुपए मुआवजे के दिए जाने की घोषणा की। इसमें 5 लाख रुपए जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार को ही परिवार को दे दिया जाएगा जबकि 5 लाख रुपए मुख्यमंत्री कोष से बाद में दिया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों ने 50 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा को लेकर कुछ देर तक प्रदर्शन किया लेकिन बाद में परिवार के सदस्य जिला प्रशासन की घोषणा को स्वीकार करने के लिए सहमत हो गए। प्रशासन ने पहले गांव में भी शवयात्रा निकालने से मना कर दिया था लेकिन बाद में दीपक के घर से शमशान तक शवयात्रा निकालने की अनुमति दे दी। शवयात्रा के पूरे मार्ग कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। इस बीच, सूरतकल और कटीपल्ला में बाजार और दुकानें बंद रहे।

संसद के बाहर भाजपा सांसदों का प्रदर्शन
गुरुवार को राज्य के भाजपा सांसदों ने दीपक हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर संसद भवन के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में प्रह्लाद जोशी, पी सी मोहन, शोभा करंदलाजे, प्रताप सिम्हा आदि शामिल हुए।

एनआईए जांच से सरकार का इनकार
इस बीच, गृह मंत्री आर रामलिंगा रेड्डी ने पत्रकारों से बातचीत में दीपक हत्याकांड की जांच एनआईए या सीबीआई से कराए जाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि अभी इसका कोई औचित्य नहीं है। पुलिस पहले ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और जांच के दौरान हत्या के कारणों का पूरी तरह खुलासा हो जाएगा। काटीपल्ला दौरे के बारे में पूछे जाने पर रेड्डी ने कहा कि इस बारे में वे मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद उचित फैसला करेंगे। रेड्डी ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार ना तो किसी समुदाय के समर्थन या विरोध में है। सरकार सिर्फ कानून तोडऩे वालों के खिलाफ है।
पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए केंद्र : रेड्डी
पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध नहीं लगाने के भाजपा के आरोप को खारिज करते हुए रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार को इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है और उसे प्रतिबंध लगाना चाहिए।
गृह मंत्री क्यों दें इस्तीफा : सीएम
मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए कहा कि हर घटना या वारदात के लिए मंत्री इस्तीफा नहीं दे सकते हैं। सिद्धरामय्या ने दीपक की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि हर मसले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

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