भाजपा नेता विकास पी ने मेंगलूरु की दूसरी जेएमएफसी अदालत को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सुरेश की टिप्पणी से करोड़ों भारतीयों की भावनाएं आहत हुई हैं। शिकायतकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह मेंगलूरु उत्तर पुलिस को सुरेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दे। पत्र में शिकायत में कांग्रेस के लोकसभा सांसद के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 (ए) (कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असंतोष भडक़ाने का प्रयास) के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।
सुरेश को अयोग्य घोषित करने की मांग एमएलसी छलवादी नारायण स्वामी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सुरेश ने संविधान का ‘अपमान’ किया है। उन्होंने स्पीकर को भेजे पत्र में कहा कि डीके सुरेश भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डाल रहे हैं। उनके द्वारा दिए गए भारत विरोधी बयानों के मद्देनजर मैं आपके प्रतिष्ठित कार्यालय से आग्रह और प्रार्थना करता हूं कि माननीय संसद सदस्य डीके सुरेश को लोकसभा से अयोग्य घोषित किया जाए क्योंकि उन्होंने पद की शपथ का उल्लंघन किया है और इसलिए उन्हें संसद सदस्य के रूप में अपना पद जारी रखने का कोई अधिकार नहीं है। सुरेश की टिप्पणी पर भाजपा ने कांग्रेस से माफी की मांग करते हुए इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में उठाया।