देवगौड़ा ने कहा कि वे सिरा के करीब मधुगिरि स्थित एक पार्टी नेता के घर चुनाव खत्म होने तक डटे रहेंगे। देवगौड़ा के अलावा उनके दोनों बेटे-पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और एचडी रेवण्णा भी सिरा में चुनावी अभियान चला रहे हैं। कोई क्षेत्र छूट न जाए इसके लिए दोनों ने आपस में इलाके भी बांट लिए हैं।
देवगौड़ा ने कहा ‘यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक चुनौती है और हमने इसे स्वीकार किया है। मैं 1 नवम्बर तक वहां रहूंगा और उपचुनाव प्रचार खत्म होने के बाद ही लौटूंगा। देवगौड़ा ने कहा कि दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों-कांग्रेस और भाजपा ने गलत तरीके अपनाए और हमारे नेताओं को लुभाने में सफल रहे। वे हमारी क्षेत्रीय पार्टी को खत्म करने के मिशन पर हैं। लेकिन, उन्हें विश्वास है कि उनके पार्टी के कैडर और कार्यकर्ता उन्हें समर्थन देते रहेंगे।’
जद-एस को जिंदा रखने की अपील देवगौड़ा अपने भाषण के दौरान भावुक भी हुए। जद-एस को जिंदा रखने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे किसानों और जनता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा ‘यदि आप हमारी पार्टी को जीवित रखने में मदद करते हैं तो वे इसे कभी नहीं भूलेंगे। यह क्षेत्रीय पार्टी बची रहे इसके लिए संघर्ष करना है। कई लोग आएंगे और खुद को किसान कहेंगे। लेकिन, मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैं एक किसान का बेटा हूं और एक किसान के बेटे के रूप में ही मरूंगा।’
बेंगलूरु से सडक़ मार्ग से सिरा पहुंचे देवगौड़ा ने छह अलग-अलग स्थानों पर सार्वजनिक सभाएं की। तूमकुरु से लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद यह उनका पहला दौरा है।