गन्ना उत्पादक किसानों के आंदोलन के समर्थन में बुधवार को भाजपा की ओर राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा करते हुए येड्डियूरप्पा ने आरोप लगाया कि किसानों से वादाखिलाफी कुमारस्वामी और देवेगौड़ा के लिए नई बात नहीं है।
येड्डियूरप्पा ने एक महिला कृषक के खिलाफ टिप्पणी को लेकर भी कुमारस्वामी पर निशाना साधा। येड्डियूरप्पा ने कहा कि महिला कृषक के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करना मुख्यमंत्री पद की गरिमा के खिलाफ है। सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोगों को अपनी अलोचनाएं सुनने का भी साहस होना चाहिए। मुख्यमंत्री का किसानों को गुंडे कहना शर्मनाक है।
अपमानजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगने और उनकी समस्याएं सुलझाने के बजाय मुख्यमंत्री कुमारस्वामी उन पर प्रहार कर रहे हैं। राज्य की गठबंधन सरकार किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य दिलाने में विफल रही है।
उन्होंने मंगलवार को यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में कहा कि केंद्र सरकार ने तीन माह पहले ही गन्ने का लाभकारी मूल्य घोषित कर दिया था लिहाजा राज्य सरकार को राज्य सलाहकारी मूल्य (एसएपी) तय करना चाहिए था लेकिन कुमारस्वामी इस बारे में बिल्कुल गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों के लाभ के लिए एथनोल की दर बढ़ाने, निर्यात की अनुमति, चीनी मिलों को आसान ऋण तथा चीनी का न्यूनतम खरीद मूल्य 29 रुपए प्रति किलोग्राम तय करने जैसे अनेक प्रावधान किए हैं लेकिन राज्य सरकार एसएपी तय कर यह लाभ किसानों तक पहुंचाने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि बेलगावी विधानमंडल सत्र से पहले भाजपा राज्यव्यापी आंदोलन के साथ ही बेलगावी में विरोध रैली आयोजित करेगी। वे किसानों के लिए सदन के भीतर व बाहर दोनों जगह संघर्ष करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को आलोचना को सही तरीके से स्वीकार करने की सलाह देते हुए कहा कि यदि वे वादे के मुताबिक किसानों से मिलने बेलगावी चले जाते तो सुवर्ण विधानसौधा के द्वार का ताला टूटने की नौबत नहीं आती।
उन्होंने कहा कि जब लोग कुमारस्वामी के खिलाफ टिप्पणी करते हैं तो उन्हें गुस्सा आता है लेकिन जब वे खुद कहते हैं कि उत्तर कर्नाटक के लोगों ने जातिवाद के आधार पर मतदान किया और उनकी पार्टी को वोट नहीं दिए, तो इसका क्या तात्पर्य है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा गन्ना उत्पादक किसानों के अपमान के खिलाफ भाजपा बुधवार को राज्य के हर तालुक में विरोध प्रदर्शन करेगी।