उन मूक पशुओं की बद्दुआ आज सभी को सहन करनी पड़ रही है। हम हमारी संस्कृति को भूल गए, जिसका परिणाम भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना जून तक कमजोर पड़ेगा। तब तक मनुष्य को सरकारी गाइडलाइन का अक्षरश: पालन करना होगा।
शाश्वत नवपद की ओली के दूसरे दिन साध्वी भव्यगुणाश्री ने चावल और कांकरी का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान ने जीवन में आनन्द भरा, उसका आनन्द छोड़़ कोरोना के पीछे पड़ गए हैं।
परमात्मा ने जो जिंदगी दी है उसे आनन्द से जीओ। भगवान ने तीन पेज की जिंदगी दी है। पहला जन्म, दूसरा आराधना व तीसरा मृत्यु। जन्म और मृत्यु हमारे हाथ में नहीं हैं जबकि आराधना हमारे हाथ में है।
इससे पूर्व साध्वी भव्यगुणाश्री व शीतल गुणाश्री की निश्रा में मंगलवार को पुष्य नक्षत्र के अवसर पर श्रीयंत्र महापूजन का अतिभव कार्यक्रम हुआ। श्रीयंत्र पूजन का लाभार्थी पारसमल भंसाली, सुनील कुंकुलोल परिवार रहा।