बीबीएमपी वन्यजीव बचाव केंद्र अधिकारियों ने अनुसार पिछले एक पखवाड़े में प्रतिदिन औसत करीब १० ऐसे फोन कॉल आ रहे हैं, जिसमें गर्मी की वजह से बेजुबान पशु-पक्षियों के बेसुध होने के मामले होते हैं। अधिकारियों का कहना है कि बेजुबानों को भीषण गर्मी में बचाने के लिए विशेष ऐहतियाती उपाय किए गए हैं। बीबीएमपी के १९८ वार्ड में ३३ वन्यजीव कार्यकर्ता काम कर रहे हैं जो पशु पक्षियों को बचाने में सक्रियता से जुटे हैं।
गर्मी की वजह से पशु-पक्षियों को होने वाली मुख्य परेशानी में डिहाइड्रेशन बड़ी समस्या है। गर्मी में पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण आवारा पशुओं की स्थिति गंभीर हो जा रही है। इसी प्रकार पक्षियों का हाल भी बेहाल है। विशेषकर शहर के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (सीबीडी) के क्षेत्रों में सबसे ज्यादा परेशानी है। सीबीडी क्षेत्र में प्राकृतिक जल स्रोत का अभाव और तेजी से बढ़ते कंक्रीट के जंंगल की वजह से पशु-पक्षियों को पानी नहीं मिल पाता है। हालांकि शहर के बाहरी क्षेत्रों में भी स्थिति भिन्न नहीं है और वहां भी बेजुबानों को गर्मी में बेमौत मरने की नौबत है।
बन्नेरघट्टा स्थित पुनर्वास केंद्र के महाप्रबंधक एवं मुख्य पशु चिकित्सक कर्नल डॉ. नवाज शरीफ के अनुसार जनवरी २०१८ से अब तक शहर में ७६८ पक्षियों को बचाया गया है। वहीं इस वर्ष फरवरी से तापमान बढऩे के कारण शहर में ऐसे पक्षियों की संख्या तेजी से बढ़ी है जो प्यास के कारण बेसुध हो रहे हैं। हालांकि इनकी स्पष्ट संख्या नहीं है, क्योंकि कई पक्षियों की मौत होने के बाद उनका कंकाल भी बरामद नहीं होता।
बल्लारी का पारा ४१ डिग्री पार
मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को राज्य में बल्लारी का तापमान ४१ डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया गया जो सबसे ज्यादा था। वहीं, बेंगलूरु का अधिकतम तापमान ३४ डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम २० डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया गया। मैसूरु में अचानक मौसम ने करवट बदली है और न्यूनतम तापमान १५ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।