मुलाकात के बाद कटील ने मुख्यमंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि यदि न्यायालय का फैसला सकारात्मक रहता है तो 15 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव (ByElection) में अयोग्य ठहराए गए सभी विधायकों को भाजपा का टिकट मिलेगा।
यह भी रोचक लगेगा : डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी के पीछे सिद्धरामय्या का हाथ : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का दावा कटील ने मुख्यमंत्री के साथ मनमुटाव से इनकार करते हुए कहा कि बीएस येडियूरप्पा मैसूरु दशहरा कार्यक्रम में व्यस्त थे और वे बेलगावी जिले के दौरे में थे। इसी वजह से मुलाकात नहीं हो सकी थी।
बीबीएमपी के महापौर तथा उप महापौर पद के प्रत्याशी चयन को लेकर बेंगलूरु में आयोजित बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवमोग्गा जिले के दौरे पर थे। मुख्यमंत्री ने ही बैठक में उपस्थित रहने में असमर्थता व्यक्त की थी। मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत ही यह बैठक हुई थी, लेकिन इस मामले को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया।
मार्गदर्शक हैं येडियूरप्पा
कटील ने कहा कि बीएस येडियूरप्पा उनके मार्गदर्शक हैं। हर महत्वपूर्ण फैसले से पहले वे उनके साथ विचार-विमर्श करते हैं। मुख्यमंत्री ने ही भानूप्रकाश तथा निर्मलकुमार सुराणा को प्रदेश भाजपा इकाई का उपाध्यक्ष बनाने को हरी झंडी दिखाई थी। अभी तक प्रदेश इकाई के महासचिव रहे सीटी रवि मंत्री बन गए हैं, इसलिए उनके स्थान पर महेश तेंगिनकाई को महासचिव बनाया गया है।
महापौर चयन का फैसला एक व्यक्ति का नहीं
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीबीएमपी के लिए गौतम कुमार जैन को महापौर प्रत्याशी बनाने का फैसला किसी एक व्यक्ति का नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से परामर्श के पश्चात ही यह फैसला हुआ।
इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री अश्वथनारायण, राजस्व मंत्री आर. अशोक के साथ विमर्श किया। उन्होंने कहा कि गत 4 दशक से बीएस येडियूरप्पा ने कर्नाटक में संगठन को मजबूत करने के में योगदान दिया है।
येडियूरप्पा ही उनके लिए सर्वोच्च नेता हैं। उनके मार्गदर्शन में ही वे अपना दायित्व निभाते हुए सरकार तथा संगठन के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। फैसलों को पलटने पर मुख्यमंत्री ने जताया
वहीं पार्टी के दूसरे खेमे से मिली जानकारी के अनुसार कटील से मुलाकात के दौरान सीएम ने संगठन के फैसलों पर सवाल उठाए।
बताया जाता है कि बीबीएमपी के महापौर, उपमहापौर के प्रत्याशी चयन और पार्टी प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष पदों पर नियुक्ति को लेकर सीएम ने प्रदेश अध्यक्ष को आड़े हाथ लिया। उनसे कहा कि उनके फैसले पलटने के पीछे जो ताकतें हैं, इसकी उन्हें जानकारी है। अगर सरकार में संगठन हस्तक्षेप कर रहा है तो ऐसी स्थिति में संगठन में किए जा रहे फैसले भी एकपक्षीय नहीं हो सकते हैं।