
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने को वरीयता
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने को वरीयता
बेंगलूरु. राज्य में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का विशेष अभियान चल रहा है। राजस्व मंत्री आर अशोक ने यह बात कही। विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के आर प्रसन्न कुमार के सवाल पर उन्होंने कहा कि बेंगलूरु उत्तर, दक्षिण, पूर्व संभाग, यलहंका तथा आनेकल में 1 लाख 22 हजार 918 एकड़ सरकारी भूमि है। इसमेें से 19 हजार 618 एकड़ पर अतिक्रमण है। देवनहल्ली तहसील की 31 हजार 637 एकड़ में से 2200 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है।
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में यही हालत है। सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर विभागों को उपयोग के लिए दिया जाएगा। जिला प्रशासन को हर गांव में श्मशान के लिए स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए है। सरकारी जमीन चिन्हित करने के लिए राजस्व तथा वन विभाग का संयुक्त सर्वेक्षण किया जा रहा है।
भाजपा के एन रविकुमार के सवाल पर राजस्व मंत्री ने कहा कि बेलगावी जिले में कृषि भूमि के लिए निर्धारित से कम मुद्रांक शुल्क पर पंजीकरण कर 12 करोड़ 78 लाख 79 हजार रुपए का नुकसान पहुंचाने वाले पंजीयन एवं मुद्रांक रजिस्टार को निलंबित किया गया है।
राज्य में गत तीन वर्ष में ऐसे ही मामलों में 9 रजिस्ट्रार को निलंबित किया गया है। महालेखापाल की रिपोर्ट के अनुसार कम शुल्क पर पंजीयन करने से राज्य सरकार को वर्ष 2017-18 में 8 करोड़ 33 लाख, वर्ष 2018-19 में 55 करोड़ तथा वर्ष 2019-20 में 50 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।
Published on:
25 Mar 2021 06:24 am
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