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बैंगलोर

प्रचार का नाटक नहीं, किसानों का सम्मान : कुमारस्वामी

कुमारस्वामी ने कहा कि वे किसानों की समस्याओं से भली-भांति परिचित हैं

बैंगलोरAug 12, 2018 / 07:57 pm

Ram Naresh Gautam

HDK

प्रचार का नाटक नहीं, किसानों का सम्मान : कुमारस्वामी

बेंगलूरु. कुमारस्वामी इस मौके पर किसानों से अपने जुड़ाव को भुनाने में भी नहीं चूके। कुमारस्वामी ने अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के 1962 में पहली बार विधायक बनने से पहले खेतों में काम करने की दुहाई भी दी। कुमारस्वामी ने कहा कि वे किसान के बेटे ही नहीं, किसान भी हैं।
उनके पिता एच डी देवेगौड़ा व मां ने खेती की है। वे एक समय काफी गरीब किसान थे। कुमारस्वामी ने कहा कि वे किसानों की समस्याओं से भली-भांति परिचित हैं। वे भी युवास्था में खेतों में काम करते थे। हालांकि, अभी 25 साल बाद वे खेत में आए हैं लेकिन वे ऐसा हर साल करना चाहते हैं। कुमारस्वामी ने कहा कि वे धान रोपनी में सिर्फ प्रचार पाने के लिए शामिल नहीं हुए हैं बल्कि यह किसानों को सम्मान देने की कोशिश है।
कुमारस्वामी ने किसानों से आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाने की अपील करते हुए कहा कि सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए योजना तैयार कर रही है। कुमारस्वामी ने कहा कि अभी वे प्रस्तावित नीति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं क्योंकि उसे मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलनी बाकी है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मुख्यमंत्री के साथ धान रोपने वाले किसानों और मजदूरों को सुरक्षा के लिए लिहाज से पहचान पत्र दिए गए थे। पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने सिर्फ उन्हीं लोगों को खेत तक जाने दिया जिनके पास पहचान पत्र था। हालांकि, खेत के आसपास काफी संख्या में आसपास के गांवों के लोग कुमारस्वामी की एक झलक पाने के लिए जुटे थे।
गठबंधन सरकार आने के बाद से विकास कार्य ठप
बेंगलूरु. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी एस येड्डियूरप्पा ने शनिवार को कहा कि गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्य में विकास कार्य पूरी तरह ठप है। दोनों ही पार्टियों के नेता सिर्फ राजनीति में व्यस्त हैं। प्रशासन की चिंता उन्हें नहीं है। जिला प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति होने के बाद भी इन मंत्रियों ने जिलों का दौरा नहीं किया है। जिसके कारण जिलों में विकास कार्य ठप हो गए है। राज्य की वित्तीय स्थिति पर सरकार को श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई लोगों के बलिदान के कारण एकीकृत कर्नाटक राज्यका गठन संभव हुआ। कुमारस्वामी को राज्य के संतुलित विकास पर ध्यान देना चाहिए। उत्तर और हैदराबाद कर्नाटक की समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार को कारगर कदम उठाने चाहिए।
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