हाथियों ने सुबह ७.१५ बजे मैसूरु महल परिसर से कूच किया। महल के बलराम द्वार (उत्तरी द्वार) से सभी छह हाथी बाहर आए और केआर सर्कल, सय्याजी राव रोड, सरकारी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल सर्कल, ओल्ड आरएमसी सर्कल, बम्बू बाजार, मौलाना अब्दुल कलाम सर्कल से होते हुए सुबह करीब ८.३० बजे बन्नीमंटप स्थित टार्च लाइट परेड ग्राउंड पहुंचे।
प्रशिक्षण यात्रा के पहले दिन हाथियों ने एक बार आरएमसी सर्कल के समीप तीन मिनट की अवधि का अल्प विश्राम किया, जबकि हाथियों के साथ चल रहे महावतों और सहायकों सहित अन्य लोगों ने उस दौरान चाय की चुस्की ली और फिर सभी आगे बढ़ गए।
वहीं टॉर्च लाइड परेड ग्राउंड पहुंचकर महावतों, सहायकों एवं अन्य लोगों ने नाश्ता किया, जबकि हाथियों ने वहां निर्मित अस्थायी जलाशया में प्यास बुझाई। इस दौरान हाथियों को चारा और अन्य प्रकार के आहार दिए गए जो हाथियों के साथ चल रहे वाहन में लादकर लाए गए थे। प्रशिक्षण मार्ग पर हाथियों का सफर व्यवधान रहित हो, इसके लिए पुलिस ने विशेष व्यवस्था की।
हाथियों के आगे और पीछे दो पुलिस जीप उन्हें एस्कार्ट कर रही थी। साथ ही जिस मार्ग से हाथी गुजर रहे थे, वहां कुछ मिनट पूर्व आम लोगों का यातायात बंद कर दिया गया। हाथियों के साथ महावत, सहायक, विशेष सुरक्षाकर्मी के साथ ही अनहोनी से निपटने के लिए पशु चिकित्सक आदि भी चलते हैं।
धातु चुम्बक रोलर न होने से परेशानी
प्रशिक्षण के दौरान सडक़ पर गिरे कील या अन्य प्रकार की नुकीली वस्तुओं से हाथियों को बचाना हमेशा चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। पिछले वर्ष ऐसी धारदार और नुकीली कीलों से हाथियों को बचाने के लिए धातु चुम्बक रोलर का इस्तेमाल किया गया था। विशेष प्रकार के वाहन में लगाया जाने वाला रोलर हाथियों के चलने वाले मार्ग पर हाथियों के आगे आगे चलता है और सडक़ को पूरी तरह से खतरनाक वस्तुओं से मुक्त करता है।
हालांकि इस बार प्रशिक्षण के पहले दिन रोलर न होने के कारण अधिकारियों को परेशानी झेलनी पड़ी। हाथियों के साथ चल रहे लोगों को जहां तहां सडक़ पर ऐसी वस्तुओं को हटाते देखा गया। सहायक पशु चिकित्सक रंगराजू की नजर जब ऐसी एक धारदार वस्तु पर पड़ी तब उन्होंने अचानक हाथी के आगे आकर उसे पैर से मारकर हटाया। पशु चिकित्सक डॉ. नागराज का कहना है कि पिछले वर्ष दशहरा के बाद रोलर का उपयोग नहीं हुआ है, जिस कारण उसकी चुम्बकीय क्षमता कम हो गई है। हालंाकि उन्होंने कहा कि रोलर को चार्ज किया जा रहा है और अगले दो दिनों में उसका उपयोग होने की संभावना है।
फोटो खींचने की होड़
मतवाली चाल में चलता हाथियों का झुंड जिस सडक़ से गुजरता आम लोग भी सहसा उन्हें देखकर आकर्षित हो जाते। जहां-तहां बड़ी संख्या में लोग हाथियों के साथ सेल्फी लेते देखे गए। हालांकि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में चल रहे हाथियों तक किसी भी आम आदमी का पहुंचना मुश्किल था।