उच्च शिक्षा मंत्री जीटी देवगौड़ा, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव अनिल कुमार सहित प्रदेश के १९ विवि के कुलपतियों ने भी इस पर सहमति जताई है।
कुमार ने बताया कि पीजी की डिग्री हासिल करने के इच्छुक ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को मन माफिक विवि में पढऩे का बराबर अवसर मिलना चाहिए। कई विवि में तो इंटर यूनिवर्सिटी कोटा दो से पांच फीसदी तक ही सीमित हैं। बेंगलूरु उत्तर विवि के कुलपति प्रो. टीडी केम्पाराजू के अनुसार इंटर यूनिवर्सिटी कोटे को खत्म नहीं कर इसे १०-१५ फीसदी तक बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार जारी है। कोटा समाप्त कर मेरिट के आधार पर दाखिला देने का अर्थ है बेंगलूरु के कॉलेजों में विद्यार्थियों की भीड़।
इसे ऐसे समझें
मैसूरु विवि से यूजी की डिग्री प्राप्त कर चुका कोई विद्यार्थी अगर बेंगलूरु विवि (बीयू) से पीजी की पढ़ाई करना चाहता है तो बीयू में सीट मिलने की संभावना बेहद कम होती है।
क्योंकि ऐसे विद्यार्थियों को इंटर यूनिवर्सिटी कोटे के तहत ही आवेदन करना होता है। अधिकतम दो से पांच प्रतिशत विद्यार्थियों को ही इस कोटे का लाभ मिलता है। क्योंकि पीजी में दाखिले के लिए ज्यादातर विवि खुद के विद्यार्थियों को प्राथमिकता देते हैं।