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बैंगलोर

मिशन और कमीशन में करें चुनाव: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर एक बार फिर भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा।

बैंगलोरFeb 20, 2018 / 11:04 pm

शंकर शर्मा

Modi


बेंगलूरु. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर एक बार फिर भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा। पिछले दौरे पर प्रधानमंत्री ने सिद्धरामय्या सरकार को ‘दस प्रतिशत’ वाली सरकार कहकर एक बड़े विवाद को हवा दी थी तो इस बार उन्होंने ‘दस प्रतिशत से भी ज्यादा’ कमीशन वाली सरकार कह सरकार पर फिर से जोरदार हमले किए।

मैसूरु के महाराजा कॉलेज मैदान में भाजपा की ओर से आयोजित रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा ‘मैंने बेंगलूरु में कहा था कि यह 10 प्रतिशत मिशन का कारोबार है। लोग नाराज हो गए। कुछ ने मैसेज किया, फोन किया। नाराजगी व्यक्त की और कहा कि आपकी जानकारी सही नहीं है, ये दस नहीं यह इससे भी ज्यादा वाले हैं।’ इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि ‘मैं राज्य के लोगों का गुस्सा समझ सकता हूं, देश का नौजवान जाग चुका है। वह देश को लूटने देने के लिए तैयार नहीं है। मैं आपसे सवाल पूछता हूं कि राज्य में कमीशन वाली सरकार चाहिए या मिशन वाली सरकार चाहिए। मैं वादा करता हूं कि राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी और वो एक मिशन के तहत काम करेगी। राज्य के भाग्य बदलने और विकास के लिए काम करेगी।’

उन्होंने राज्य और केंद्र में कांग्रेस सरकार के शासन काल पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने हमेशा जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया। इस स्थिति को कायम नहीं रखा जा सकता। विकास के विजन से आगे बढऩे की बजाय ये लोग हमेशा कुर्सी के लिए लड़ते रहे। मोदी ने उम्मीद जताई की आगामी चुनाव में प्रदेश की जनता इसका जवाब देगी।

बाहुबलि अस्पताल का किया उद्घाटन
बेंगलूरु. राज्य के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को हासन जिले के श्रवणबेलागोला में भगवान गोमतेश्वर के 88 वें महामस्तिकभिषेक से जुड़े कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस दौरान बाहुबली सार्वजनिक अस्पताल का उद्घाटन भी किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि साधु-संतों ने हमेशा ही समाज की सेवा की और सकारात्मक बदलाव किए। संत समाज की ताकत रहे हैं। समाज की ताकत यह है कि हम समय के साथ बदले और नई स्थितियों को अपनाया। कई बार समाज में गलत परंपराएं आ जाती हैं, लेकिन मुनियों, आचार्य और संतों ने हमेशा इनका प्रतिकार किया और लोगों को आदर्श जीवन जीने को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि लोगों का मानना है कि समाज में धार्मिक प्रवृत्ति काफी होती है पर सामाजिक प्रवृत्ति नहीं है। लेकिन, भारत की संत परंपरा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और नशा मुक्ति के लिए काफी काम किया है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में आने वाले 12 वर्षों के समाज के लिए चिंतन करते हैं। इसमें से समाज के लिए अमृत स्वरूप चीजें निकलती हैं।

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