कर्नाटक राज्या महिला आयोग और आंतरिक प्रशासन विभाग की सिफारिशों पर कॉलेज के सीडीसी, आर.आर. सीडीएफ समेत उपलब्ध अनुदान को प्रमुख विषय पर खर्च कर सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया गया है। राज्य में कई जिलों में छात्राओं ने कॉलेज परिसरों में छेड़छाड़ करने और यौन उत्पीडऩ करने की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले दर्ज कर जांच करती हो तो कोई सबूत नहीं मिलता है। ऐसे मामलों आरोपी के खिलाफ सबूत मिल सके इसलिए कॉलेज परिसरों में और कक्ष कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला कक्षों में भाग लेने सभी छात्रों और शिक्षकों को प्रयोगशाला गणवेश अनिवार्य बनाया है। इस आदेश का पालन नहीं किया तो सरकारी और निजी अनुदानित डिग्री कालेजों के प्राचार्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष १२४ और इस वर्ष ३० जून २०१९ तक प्रदेश में छेड़छाड़ के ३९ मामले दर्ज कराए गए हैं। लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की तो उन्हें कोई सबूत हाथ नहींं लगा। इससे छेड़छाड करने वाले आरोपी आसानी से बच निकलते हैं। इस तरह की वारदातों पर अंकुश लगाने और सबूत संग्रहित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। इसके लिए एक माह का समय दिया गया है। इस समय में किसी तरह का कोई विस्तार नहीं होगा।