scriptतीन चीजों से बदलता है भाग्य: आचार्य देवेन्द्रसागर | Fate changes with three things: Acharya Devendrasagar | Patrika News
बैंगलोर

तीन चीजों से बदलता है भाग्य: आचार्य देवेन्द्रसागर

राजाजीनगर में प्रवचन

बैंगलोरMar 25, 2023 / 04:27 pm

Santosh kumar Pandey

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बेंगलूरु. इंसान को जो कुछ भी मिलता है, उसके लिए वह खुद जिम्मेदार होता है। जीवन में प्राप्त हर चीज उसकी खुद की ही कमाई है। जन्म के साथ ही भाग्य का खेल शुरू हो जाता है।यह विचार राजाजीनगर के सलोत जैन आराधना भवन में आचार्य देवेन्द्रसागर ने व्यक्त किए। आचार्य ने प्रवचन में कहा कि हम अक्सर अपने व्यक्तिगत जीवन की असफलताओं को भाग्य के माथे मढ़ देते हैं। कुछ भी हो तो सीधा सा जवाब होता है, मेरी तो किस्मत ही ऐसी है। हम अपने कर्मों से ही भाग्य बनाते हैं या बिगाड़ते हैं। कर्म से भाग्य और भाग्य से कर्म आपस में जुड़े हुए हैं। किस्मत के नाम से सब परिचित है लेकिन उसके गर्भ में क्या छिपा है कोई नहीं जानता। भाग्य कभी एक सा नहीं होता। वो भी बदला जा सकता है लेकिन उसके लिए तीन चीजें जरूरी हैं। आस्था, विश्वास और इच्छाशक्ति। आस्था परमात्मा में, विश्वास खुद में और इच्छाशक्ति हमारे कर्म में। जब इन तीन को मिलाया जाए तो फिर किस्मत को भी बदलना पड़ता है। वास्तव में किस्मत को बदलना सिर्फ हमारी सोच को बदलने जैसा है।
उन्होंने कहा कि अपनी वर्तमान दशा को यदि स्वीकार कर लिया जाए तो बदलाव के सारे रास्ते ही बंद हो जाएंगे। भाग्य या किस्मत वो है जिसने पिछले कर्मों के आधार पर आपके हाथों में कुछ रख दिया है। अब यह आप पर निर्भर है कि उस पिछली कमाई को घटाओ, बढ़ाओ, अपने कर्मों से बदलो या हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहो और रोते-गाते रहो कि मेरे हिस्से में दूसरों से कम या खराब आया है।

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