उन्होंने कहा कि अपनी वर्तमान दशा को यदि स्वीकार कर लिया जाए तो बदलाव के सारे रास्ते ही बंद हो जाएंगे। भाग्य या किस्मत वो है जिसने पिछले कर्मों के आधार पर आपके हाथों में कुछ रख दिया है। अब यह आप पर निर्भर है कि उस पिछली कमाई को घटाओ, बढ़ाओ, अपने कर्मों से बदलो या हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहो और रोते-गाते रहो कि मेरे हिस्से में दूसरों से कम या खराब आया है।