scriptविषयों के प्रति अनासक्ति से आत्मिक सुख की अनुभूति: आचार्य चंद्रयश | Feeling of spiritual happiness from non-attachment towards subjects | Patrika News
बैंगलोर

विषयों के प्रति अनासक्ति से आत्मिक सुख की अनुभूति: आचार्य चंद्रयश

सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम में प्रवचन

बैंगलोरJul 20, 2021 / 12:36 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने कहा कि विषय सुख, विषयासक्ति,विषय वासना ये सारे सुख नहीं, अपितु दु:ख देने वाले हंै। दुर्गति में ले जाने वाले हैं। हमारे मन में जब विषय सुखों के प्रति अनासक्ति उत्पन्न होगी तब अपने आप आत्मिक सुख की अनुभूति होगी। विषय सुखों के प्रति आसक्ति अनेक प्रकार के दुखों की दात्री बन जाती है।
उन्होंने कहा कि जब हमारे मन में विषय सुखों के प्रति अनासक्ति उत्पन्न होगी तब हम ब्रम्हचर्य व्रत को स्वीकार करने को सिद्ध हो जायेंगे। ब्रम्हचर्य व्रत को अंगीकार करने से हम आत्मरमण बन जायेंगे।
पापों का आवेग युवावस्था में ज्यादा

आचार्य ने कहा कि पापों का आवेग युवावस्था में ज्यादा होता है। इस अवस्था में हमें विचारों,विकारों, वासनाओं पर नियंत्रण रखना जरूरी है। हमें महान बनना है आदर्शवान और चरित्रवान बनना है तो विषय वासना पर नियंत्रण रखना जरूरी है। विषय वासना से दूर रहने वाला ही प्रभु कृपा का पात्र बन सकता है।

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