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बैंगलोर

कल्याणकारी और सुखमय जीवन के लिए अपनाएं आचार्य महाश्रमण का यह सन्देश

तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा Karnataka में गतिमान

बैंगलोरDec 02, 2019 / 12:42 am

Priyadarshan Sharma

कल्याणकारी और सुखमय जीवन के लिए अपनाएं  आचार्य महाश्रमण का यह सन्देश

Aacharya Mahashrman

हासन. तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा हासन जिले में गतिमान है। रविवार को आचार्यवर ने चन्नरायपटना से विहार किया और उदयपुरा पधारे। गवर्नमेंट फस्र्ट ग्रेड कॉलेज उदयपुरा में उन्होंने अमृत वर्षा में कहा कि चार प्रकार की शिक्षाएं जीवन में अवश्य आनी चाहिए। जिसमें पहली है बिना पूछे नहीं बोलना। व्यक्ति को कभी भी अनावश्यक नहीं बोलना चाहिए। जहां हितकर हो वही बोलें अन्यथा बगैर पूछे यथासंभव ना बोले। दूसरा है मिथ्या संभाषण न करें। अगर बोले तो व्यक्ति यथार्थ बोले असत्य, मृषावाद से बचें।
उन्होंने कहा कि बाहर-भीतर दोनों प्रकार से व्यक्ति एक जैसा रहे। सरलता जीवन में रहनी चाहिए। सच्चाई के साथ ऋजुता का योग है। तीसरा है गुस्से को असफल करें। क्रोध को कम करने का प्रयास करना चाहिए और गुस्सा आ भी जाए तो उसे नियंत्रित करें।
आचार्य ने चौथी शिक्षा के रूप जीवन में समता अपनाने की सीख दी। उन्होंने कहा कि प्रिय-अप्रिय हर परिस्थिति में समता रखें। प्रतिक्रिया न करें। प्रिय में अधिक खुशी न मनाएं और अप्रिय में हताश न हों। ये बातें अगर जीवन में आ जाएं तो जीवन कल्याणकारी बन सकता है।

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