बाघ को आदमखोर बताया जा रहा है। लोगों के दबाव के बीच वन विभाग ने इस बाघ को पकडऩे में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन, बीते कुछ दिनों से यह बाघ वन विभाग की टीम को लगातार चकमा दे रहा है। वन विभाग ने शनिवार से पालतू हाथियों को लेकर वन क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रखा है।
वन विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न बिंदुओं पर करीब 70 कैमरे लगाए हैं। वन विभाग से जुड़े 100 से अधिक अधिकारी छह टीमों में दिन-रात काम कर रहे हैं ताकि बाघ को फिर से हमला करने से पहले पकड़ा जा सके। ग्रामीणों को छह-सात किलोमीटर के वन क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने की चेतावनी दी गई है।
वन संरक्षक चेतन ने कहा कि पहले दो दिन बाघ का सुराग नहीं मिला। बाद में उसकी हरकत दो सीसीटीवी कैमरों में देखी गई। बाघ की पीठ पर चोट के निशान मिले हैं। इसके साथ ही तीन अन्य बाघ भी उसी स्थान पर पाए गए। इसलिए, अनुभवी कर्मियों और वन्यजीव विशेषज्ञों को इस ऑपरेशन में शामिल किया गया है।
इस बीच असामाजिक तत्वों ने बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगे चार सीसीटीवी कैमरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। जगह-जगह प्रतिबंध के बावजूद ग्रामीण वन क्षेत्रों में जा रहे हैं। एक अन्य युवक को हिरण के मांस के साथ पकड़ा गया।
चार दिन पहले एक बाघ द्वारा गाय और बकरी पर हमला करने की घटना की सूचना किक्केरीकट्टे से मिली थी। यह जगह उस घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर है जहां युवक को बाघ ने अपना शिकार बनाया था।