वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने बेंगलूरु के लिए 18 बिंदुओं वाला एजेंडा जारी किया था। कांग्रेस घोषणा पत्र समिति के उपाध्यक्ष बीएल शंकर ने कहा कि इस बार हमारे लिए नई चुनौतियां हैं क्योंकि हमें अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन करना है और नए वादे करने के दौरान यह ध्यान देना होगा कि पिछले वादों की पुनरावृति न हो जाए। कांग्रेस पूरे राज्य के लिए एक घोषणा पत्र लाने के अतिरिक्त इस बार संभाग और जिलावार घोषणापत्र लाने की तैयारी में है जिसमें बेंगलूरु शहरी का घोषणा पत्र भी शामिल रहेगा।
मुख्यमंत्री विपक्षी पार्टी भाजपा भी इसमें पीछे नहीं है। भाजपा इस मामले में कांग्रेस से भी एक कदम आगे जाने की तैयारी कर रही है। बेंगलूरु शहरी क्षेत्र को कभी भाजपा का गढ़ माना जाता था लेकिन पिछले चुनाव पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। भाजपा इस बार बेंगलूरु शहर में फिर से अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी है।
भाजपा बेंगलूरु के सभी 28 विधान सभा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग घोषणा पत्र लाएगी। भाजपा घोषणा-पत्र समिति के एक सदस्य और पूर्व नौकरशाह मदन गोपाल ने कहा कि राज्य के लिए एक आम घोषणा-पत्र होगा, जिसमें बेंगलूरु से संबंधित मुद्दे भी शामिल होंगे। इसके अलावा बेंगलूरु के प्रत्येक क्षेत्र का एक अलग घोषणा-पत्र होगा क्योंकि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र की समस्याएं अलग हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक समन्वयक के नेतृत्व टीम काम कर रही है जो स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं और सुझाव ले रही है। इसके लिए ड्राप बॉक्स बनाया गया है और मोबाइल मैसेंजिंग ऐप पर भी गु्रप बनाकर नागरिकों से सुझाव लिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों और आवासीय कल्याण संघों के साथ भी बैठकें की जा रही हैं।
शहरी मतदाताओं से दूर रहने वाला जनता दल (ध) भी इस बेंगलूरु में अपनी जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। पिछले चुनाव में पार्टी को 3 सीटें मिली थी। इस बार जनता दल (ध) भी बेंगलूरु के लिए अलग घोषणा पत्र तैयार कर रहा है। इसके लिए पूर्व नौकरशाह एस. सुब्रमण्या के नेतृत्व में एक टीम इस पर काम कर रही है।