बेंगलूरु. पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच को लेकर उनके भाई-बहन के बीच मतभेद सामने आ गए हैं। यहां सोमवार को गौरी लंकेश के 56 वें जन्मदिन पर आयोजित समारोह में भाई इंद्रजीत लंकेश और बहन कविता लंकेश ने जांच को लेकर परस्पर विरोधी बयान दिए।
इंद्रजीत ने पत्रकारों से कहा कि आज गौरी का जन्मदिन है। उनकी हत्या हुए लगभग पांच महीने होने को हैं लेकिन जांच ठहरे हुए पानी की तरह है। मैं महसूस करता हूं कि राजनीतिक रूप से यह (जांच) एक तरफा हो रही है।Ó इंद्रजीत ने यह भी कहा कि उन्होंने फैसला किया है कि सीबीआई जांच के लिए वह कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे क्योंकि वह एक निष्पक्ष जांच चाहते हैं। उन्हें महसूस हो रहा है कि हत्याकांड की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) राजनीतिक दबाव में
काम कर रही है। पिछले 5 महीने में एसआईटी ने कुछ नहीं किया है। उन्हें यह भी लगता है कि राजनीतिक दबाव के चलते ही यह जांच एक ओर जा रही है। वे चाहते हैं कि हत्याकांड की जांच हर पहलू को
ध्यान में रखकर की जाए ताकि हत्यारों को पकड़ा जा सके और हत्या की असली वजह मालूम हो सके।
लेकिन, दूसरी ओर कविता लंकेश ने भाई इंद्रजीत के उलट बयान दिया। कविता ने कहा कि एसआईटी जांच में अच्छी प्रगति हुई है और उन्हें जांच एजेंसी पर पूरा विश्वास है। एसआईटी ने एक महीने का समय मांगा है और जांच में हो रही हर प्रगति से उन्हें अवगत करा रही है। कविता ने कहा ‘उनके पास सबूत है लेकिन वे समय इसलिए मांग रहे हैं ताकि सबूत को पुख्ता कर सकें और उसमें कोई खामी नहीं रहे। मुझे उनपर विश्वास है।Ó वहीं इंद्रजीत के बयान के बारे में पूछे जाने पर कविता ने कहा कि ‘मुझे नहीं पता है कि वह क्या कह रहे हैं। बिना एसआईटी अधिकारियों से बात किए और चीजों को समझे कुछ भी कहना गलत होगा।Ó सीबीआई जांच के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इससे गलत संदेश जाएगा क्योंकि फिर नए सिरे से जांच शुरू होगी। राज्य के 13 मामलों की जांच कर रही सीबीआई अभी तक एक भी मामले को हल नहीं कर पाई है।
गौरी दिवस मनाने पर भी मतभेददोनों भाई-बहन ‘गौरी दिवस’ मनाने को लेकर भी आपस में सहमत नहीं थे। गौरी लंकेश के 56 वें जन्म दिन पर आयोजित कार्यक्रम में गुजरात के विधायक
जिग्नेश मेवानी , अभिनेता
प्रकाश राज , जेएनयू के छात्र नेता
कन्हैया कुमार एवं शेहला रशीद और उमर खालिद सहित अन्य कई मशहूर हस्तियां पहुंची। इंद्रजीत ने इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया और इसे मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या द्वारा प्रयोजित कार्यक्रम करार दिया। वहीं, कविता ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन गौरी मेमोरियल ट्रस्ट ने किया और इससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
इंद्रजीत ने कहा, यह समय है कि प्रदेश सरकार और सिद्धरामय्या से यह पूछा जाए कि पांच महीने बीत गए हत्यारे कहां हैं? मुझे नहीं लगता कि यहां न्याय मिलेगा।’ कविता ने कहा कि यह कार्यक्रम ट्रस्ट को दिए गए अनुदान के पैसों से आयोजित किया गया। कोई भी व्यक्ति ट्रस्ट के अकाउंट को चेक कर सकता है। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उनकी बहन (गौरी) सरकार से कोई सहयोग लेने के खिलाफ थीं। इस ट्रस्ट की स्थापना दिसम्बर 2017 में किया गया। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 5 सितम्बर को अज्ञात बंदूकधारियों ने गौरी लंकेश की हत्या कर दी थी।
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