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बैंगलोर

गौरी लंकेश हत्याकांड: हाईकोर्ट ने मांगी हिरासत में टॉर्चर पर रिपोर्ट

यातना देने, न्यायिक प्रक्रिया का पालन नहीं करने के आरोप

बैंगलोरJun 20, 2018 / 01:03 am

Rajendra Vyas

lankesh

गौरी लंकेश हत्याकांड: हाईकोर्ट ने मांगी हिरासत में टॉर्चर पर रिपोर्ट

वकील ने लगाए आरोप

बेंगलूरु. कर्नाटक हाई कोर्ट ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों को हिरासत में यातना देने और न्यायिक प्रक्रिया का पालन नहीं करने के आरोपों पर दो मजिस्ट्रेट अदालतों को रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
जस्टिस के एन फणींद्र ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ये आरोप बेहद गंभीर हैं। हाई कोर्ट के पंजीयक को निर्देश दिया जाता है कि प्रथम और तृतीय अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को आदेश से अवगत करा दिया जाए। आदेश मिलने की तिथि से 10 दिन के भीतर उन्हें अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।
आरोपी अमोल काले, सुजीत कुमार, अमित देगवेकर और मनोहर एड़वे के वकील एनपी अमृतेश ने एक हलफनामा दाखिल कर कहा कि पुलिस अधिकारियों ने काले के साथ हिरासत में जमकर मारपीट की। उसे चेहरे पर घूंसे और चांटे मारे गए। उन्होंने कहा कि दोनों मजिस्ट्रेट भी पुलिस हिरासत से संबंधित सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन करने में असफल रहे।
उन्होंने आरोप लगाया कि 14 जून को हिरासत में यातना देने की जानकारी अदालत में देने के बावजूद मजिस्ट्रेट ने मेडिकल जांच का आदेश नहीं दिया। इसकी बजाय उन्होंने सिर्फ आरोपी काले के शरीर पर लगे चोट के निशानों को ही दर्ज किया। 31 मई को भी एक अन्य आरोपी को हिरासत में यातना दिए जाने की इसी तरह की शिकायत तृतीय अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष की गई थी, लेकिन उसकी भी अनदेखी की गई थी।
अधिवक्ता ने कहा कि इसलिए अब उन्होंने हाई कोर्ट से आरोपियों की मेडिकल जांच और पुलिस द्वारा उनकी गैरकानूनी हिरासत व यातना की जांच के अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की। उन्होंने प्रत्येक आरोपी को 25-25 लाख रुपए का हर्जाना देने और मजिस्ट्रेट को उनके बयान कैमरे के सामने बंद कमरे में दर्ज करने का आदेश देने की भी मांग की।
इस मामले में हाई कोर्ट ने 12 जून को कर्नाटक सरकार, राज्य के पुलिस प्रमुख और संबंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। अदालत ने पुलिस को यह निर्देश भी दिया था कि आरोपियों के साथ गलत व्यवहार नहीं किया जाए। पत्रकार गौरी लंकेश की पिछले साल पांच सितंबर को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
महाराष्ट्र एसआइटी ने नहीं मांगी हिरासत
उधर, गोविंद पानसरे की हत्या की जांच कर रहे महाराष्ट्र के विशेष जांच दल (एसआइटी) ने मंगलवार को कहा कि फिलहाल उसकी योजना परशुराम वाघमारे (26 ) की हिरासत मांगने की नहीं है। वाघमारे पर ही गौरी लंकेश को गोली मारने का आरोप है। एसआइटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है, लेकिन जांच के दौरान हम उसे हिरासत में ले सकते हैं। गौरी लंकेश हत्याकांड के सिलसिले में कर्नाटक एसआइटी ने हाल ही में वाघमारे समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। पानसरे की 16 फरवरी 2015 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआइटी ने महाराष्ट्र एसआइटी को फिलहाल किसी भी आरोपी को हिरासत में लेने का विरोध किया है।

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