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बैंगलोर

सूखाग्रस्त गांवों में जाएं, स्पॉट पर करें समाधान

सूखे की समस्या से जूझ रहे राज्य के बड़े क्षेत्र में राहत कार्यों को लेकर विपक्ष के हमले झेल रहे मुख्यमंत्री ने बुधवार को जिलाधिकारियों एवं जिला पंचायत के कार्यकारी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की।

बैंगलोरMay 17, 2019 / 10:57 pm

शंकर शर्मा

सूखाग्रस्त गांवों में जाएं, स्पॉट पर करें समाधान

सूखाग्रस्त गांवों में जाएं, स्पॉट पर करें समाधान

बेंगलूरु. सूखे की समस्या से जूझ रहे राज्य के बड़े क्षेत्र में राहत कार्यों को लेकर विपक्ष के हमले झेल रहे मुख्यमंत्री ने बुधवार को जिलाधिकारियों एवं जिला पंचायत के कार्यकारी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। सीएम एचडी कुमारस्वामी के साथ राजस्व मंत्री आरवी देशपांडे एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री कृष्ण बैरेगौड़ा भी मौजूद रहे। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि कार्यालय छोड़ें और उन प्रत्येक क्षेत्रों में जाएं, जो सूखा से प्रभावित हैं।


कुमारस्वामी ने कहा निर्देशित किया कि जिलाधिकारियों को प्रति दिन जिले के एक सूखाग्रस्त गांव का दौरा कर वहां के लोगों की समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान करना चाहिए। सूखाग्रस्त क्षेत्रों की किसी भी समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी को राज्य सरकार का पूरा समर्थन मिलेगा। आवासीय कार्यालय कृष्णा में अधिकारियों से उन्होंने कहा कि किसी भी जिले में सूखाग्रस्त क्षेत्रों से शिकायत मिलती है तो इसके लिए जिलाप्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। केवल निचले स्तर के अधिकारियों की रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहें।

अधिकारियों को स्थानीय समस्याओं से स्वयं रूबरू होना चाहिए। अगर समस्या के समाधान के लिए सरकार की मदद की आवश्यकता है तो सरकार हरदम तैयार है। राज्य के किसी भी जिले में पेयजल की आपूर्ति तथा मवेशियों के चारे को लेकर शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।


काम करें, रकम की चिंता नहीं
सीएम ने कहा कि स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों के खाते में अभी 5-5 करोड़ रुपए की राशि जमा की है। सूखे से निपटने जिला प्रशासन के पास 700 करोड़ रुपए का अनुदान है। इसके अलावा जिलाधिकारी जितनी राशि चाहते हैं उतनी राशि जारी करने के लिए तैयार है। उपलब्ध राशि का शत प्रतिशत अनुदान का उपयोग किए जाने के पश्चात सरकार और अनुदान जारी करेगी।जहां आवश्यकता है वहां चारे के भंडारण की व्यवस्था की जाए। मगर गांवों के लिए वॉटर टैंकर के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें। निजी क्षेत्र के नलकूपों का अधिग्रहण कर गांवों की प्यास बुझाएं।


पेयजल आपूर्ति शुल्क का संग्रहण करने में विफल स्थानीय पीडीओ तथा पंचायत के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। पेयजल आपूर्ति में धांधली रोकने के लिए वॉटर टैंकर्स में जीपीएस लगाएं। जिला प्रशासन को इस पर भी विशेष ध्यान देना होगा कि ग्रामीण रोजगार की तलाश में पलायन ना करें।


अल्पवृष्टि से निपटने की तैयारी जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग ने राज्य में इस वर्ष बारिश में देरी तथा पर्याप्त बारिश नहीं होने की आशंका जताई है। इसे गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को अभी से सचेत रहना होगा। अगर पर्याप्त बारिश नहीं होती है तो किसानों को अल्पकालीन फसलों की बुआई के लिए बीज उपलब्ध करवाने की तैयारी कर लें।

घटा बुआई का रकबा
उन्होंने कहा कि मैसूरु, चामराजनगर, हासन, तुमकूरु जिले में मानसून पूर्व 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई का अनुमान था, लेकिन केवल 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही यह संभव हुई है। राज्य में 2,999 गांव तथा शहरों के 440 वार्ड को 271 टैंकर से पेयजल की आपू्र्ति की जा रही है।


विपक्ष के विफल रहने के आरोप बेबुनियाद
मंत्रीद्वय ने दावा किया कि सूखाग्रस्त क्षेत्र की किसी भी समस्या की सरकार ने अनदेखी नहीं की है। विपक्ष भाजपा के नेता अधूरी जानकारी के आधार पर राज्य सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। भाजपा नेताओं को पता है कि आचार संहिता जारी होने के कारण मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री किसी सरकारी कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकता है। चुनाव आयोग से अनुमति लेकर मुख्यमंत्री ने सूखे की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ संवाद किया है।

जून में कृत्रिम वर्षा कराएगी सरकार
वीडियो कॉन्फ्रेंस के पश्चात मंत्री आरवी देशपांडे तथा कृष्ण बैरेगौड़ा ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि वर्ष 2019-20 तथा वर्ष 2020-21 के दौरान कृत्रिम बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग के लिए 88 करोड़ रुपए का अनुदान जारी करने का फैसला किया गया है। बारिश के मौसम के दौरान ही राज्य के विभिन्न जिलों में क्लाउड सीडिंग की जाएगी। इसके लिए अगले दो सप्ताह में निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। इससे पहले वर्ष 2018 के अगस्त-सितम्बर माह में ऐसा प्रयास किया गया था। यह प्रयास विफल रहने के कारण अबकी बार जून-जूलाई माह में ही यह प्रयोग दोहराया जाएगा।


कृष्ण बैरेगौड़ा ने कहा कि बेंगलूरु तथा हुब्बली को केंद्र में रखते हुए क्लाउड सीडिंग की जाएगी। आवश्यकता होने पर एक साथ दो विमानों के माध्यम से इसे अंजाम दिया जाएगा। इस प्रयोग की सफलता को लेकर पूछे सवाल पर में उन्होंने कहा कि इस प्रयोग से भारी बारिश का दावा तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इससे पेयजल तथा मवेशियों के लिए चारे की समस्या का समाधान संभव हो सके इतनी बारिश की अपेक्षा की जा सकती है।

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