उन्होंने कहा कि राज्य तकनीकी तथा ढांचागत सुविधाओं के मामले में देश के समक्ष मिसाल पेश कर रहा है। इसी प्रकार नवीकृत ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य अग्रणी बना हुआ है और 14,121 मेगावाट नवीकृत ऊर्जा स्रोत से प्राप्त होता है जो राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता का 49 फीसदी है। इसमें 2050 मेगावाट बिजली की उत्पादन पावगड़ा सौर ऊर्जा संयत्र से हो रहा है।
बेंगलूरु का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शहर में सड़क विकास की कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इससे भले मौजूदा समय में नागरिकों को यातायात की परेशानी हो रही है लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह शहर की यातायात व्यवस्था का सुदृढ़ करेगा।
उन्होंने आशा जताई की शहर के भीतर व बाहर की 156 किमी लंबी सड़कों को चौड़ा करने से आने वाले समय में यातायात जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए शहर में विभिन्न स्थानों पर रिचार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करने जा रही है। साथ ही 18,621 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 145 किमी रेल नेटवर्क लागू करने की प्रक्रिया गतिमान है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एकीकृत राज्य छात्रवृत्ति पोर्टल के जरिए 16 लाख मैट्रिक पूर्व तथा 9 लाख मैट्रिक बाद विद्यार्थियों को छात्रवृति प्रदान की योजना बनाई है।
राज्यपाल ने पिछले साल आई बाढ़ व सूखे के हालात से पड़ी दोहरी मार का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने 2.07 लाख बाढ़ प्रभावित परिवारों तक राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं। प्रदेश के सूखा प्रभावित व गहरे भूजल स्तर वाले 100 चयनित तालुकों में जलसंग्रहण विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश के किसानों के 1 लाख रुपए तक के सहकारी फसली ऋण माफ करने के साथ ही वाणिज्यिक बैंकों से हरेक परिवार द्वारा लिए गए 2 लाख रुपए तक के ओवरड्यू ऋणों को माफ करने की योजनाएं लागू की हैं जो मार्च 2020 तक पूर्ण होगी। सरकार के इस कदम से 21 लाख किसान लाभान्वित होंगे।