फूड पार्क को 4 हजार करोड़ रुपए का अनुदान पाटिल ने यहां विकास सौधा में फूड कर्नाटक लिमिटेड के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। राज्य के चार फूड पार्कों की प्रगति समीक्षा बैठक में भाग लेने के बाद उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत फूड पार्क को 4 हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है।
पाटिल ने कहा कि लाकडाउन के दौरान उन्होंने महसूस किया कि खाद्य उत्पादन इकाईयां किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक सिद्ध हो सकती हंै। इसके बाद उन्होंन फूड पार्कों के विकास पर चिंतन किया।
पाटिल ने कहा कि राज्य के चार फूड पार्कों के विकास को देखकर निवेशकों को और अधिक पूड पार्क स्थापित करने की प्रेरणा मिलेगी। सरकार हमेशा इन फूड पार्कों के पीछे रहेगी। धन नहीं मिलने से फूड पार्क का विकास अवरुद्ध नहीं होगा।
फूड पार्कों के निर्माण को ध्यान में रखकर कम दाम में भूमि मंजूर की गई है और इस भूमि का सदुपयोग फूड पार्कों के विकास के लिए किया जाना चाहिए। राज्य में 1.30 करोड़ की जनता में से केवल चार लोगों ने फूड पार्कों की स्थापना की है जिसे देखकर गर्व होता है कि इन लोगों की उपलब्धियां विशेष है। फूड पार्कों के विकास के लिए सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाएगी।
पाटिल ने कहा कि किसानों को सुविधाएं देने व कृषि उत्पादों के सदुपयोग व प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए अगले कुछ दिनों में सरकार एग्री स्टार्ट-अप की शुरुआत करेगी और इससे फूड पार्कों को भी सुविधाएं दी जा सकेंगी।पाटिल ने कहा कि दसवीं पंचवर्षीय योजना में केन्द्र सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने राज्य के कोलार, हिरीयूर, बागलकोट तथा जेवरगी में फूड पार्क की स्थापना को मंजूरी प्रदान की थी।
इन पार्कों की स्थापना के कार्य का प्रभार फूड कर्नाटक लि. को दिया गया है और यह नोडल ऐजेंसी के तौर पर काम कर रही है। राज्य में 2003 से ही मालूर में इनोवा एग्री बायोपार्क, बागलकोट में ग्रीन फूड पार्क, हिरीयूर में अक्षय फूड पार्क लि. तताजेवरगी में जेवरर्गी फूड पार्क लि. काम कर रहे हैं।